दिल्ली : देश के अंदर मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर फिल्म जगत की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। लेटर में देश में भीड़ द्वारा लिंचिंग के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता जताई है। पीएम मोदी को लिखे लेटर में मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप जैसी हस्तियों के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने पीएम मोदी से एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की है, जहां असंतोष को कुचला नहीं जाए और देश एक मजबूत राष्ट्र बने।
लेटर में आगे कहा गया कि अफसोस है कि जय श्री राम आज एक भड़काऊ युद्ध बन गया है | राम बहुसंख्यक समुदाय के लिए पवित्र हैं, राम का नाम लेना बंद कर दें, अत्याचार की 840 घटनाएं दलित के खिलाफ हुईं। प्रिय प्रधानमंत्री, क्या कार्रवाई की गई है?
इस पत्र में मांग की गई है कि मुसलमानों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की लिंचिंग तुरंत रोकी जाए। पत्र में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर कहा है गया है कि 1 जनवरी 2009 से लेकर 29 अक्टूबर 2018 के बीच धर्म की पहचान पर आधारित 254 अपराध दर्ज किये गए, इस दौरान 91 लोगों की हत्या हुई और 579 लोग घायल हुए। पत्र के मुताबिक मुसलमान जो भारत की आबादी के 14 फीसदी है वे ऐसे 62 फीसदी अपराधों की शिकार बने, जबकि क्रिश्चयन, जिनका आबादी में हिस्सा 2 फीसदी है वे ऐसे 14 फीसदी अपराध के शिकार हुए। पत्र में कहा गया है कि ऐसे 90 फीसदी अपराध मई 2014 के बाद हुआ था, जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए थे।
पत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में लिंचिंग की घटनाओं की आलोचना की है, लेकिन ये काफी नहीं है। पत्र में लिखा गया है, “ऐसा जुर्म करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाया गया है, हमें ऐसा महसूस करते हैं कि ऐसे अपराधों को गैर जमानती बनाया जाए, और दोषियों को ऐसी सजा दी जाए जो नजीर बन जाए। जब हत्या के दोषियों को बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है तो लिंचिंग के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है, जो कि और भी घृणित अपराध है? हमारे देश के किसी नागरिक को डर और खौफ में रहने की जरूरत नहीं है!”