पटना: बिहार में एक्यूट एंसेफिलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी बुखार) की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा 69 हो गया है. इस बीमारी का सर्वाधिक असर मुजफ्फरपुर जिले में हो रहा है. जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर शैलेष प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बुखार की वजह से मरने वालों की संख्या 69 हो गई है. वहीं इस बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.
कहां-कहां है बीमारी का प्रकोप?
डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का प्रकोप उत्तरी बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और वैशाली जिले में सबसे ज्यादा है. अस्पताल पहुंचने वाले पीड़ित बच्चे इन्हीं जिलों से हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित जिलों के सभी डॉक्टर्स तथा जिला प्रशासन ने पीड़ितों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है. राज्य के स्वास्थ्य सचिव पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं.
क्या हैं लक्षण?
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और जापानी इंसेफलाइटिस को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. मरीज को उलटी आने और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.
बीमारी अगर बढ़ जाए तो ये लक्षण नजर आते हैंः
बिना किसी बात के भ्रम उत्पन्न होना.
दिमाग संतुलित न रहना.
पैरालाइज हो जाना.
मांसपेशियों में कमजोरी
बोलने और सुनने में समस्या
बेहोशी आना.
जिला प्रशासन के मुताबिक श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में उपचार करा रहे पांच बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है. एसकेएमसीएच अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी का कहना है कि इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 में इस बुखार से 120 बच्चों की मौत हुई थी.