मंकी बाइटस से परेशान हिमाचल सरकार एक बन्दर मारने पर दे रही है 1000 रुपए

हिमाचल प्रदेश में मानव और बानर का आपसी संघर्ष चरम सीमा  पर पहुंच गया है. सूबे की राजधानी शिमला बंदरों की समस्या से बुरी तरह घिरी हुई है. लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है. मंकी बाइटस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीच सरकार बंदरों को मारने पर दी जाने वाली राशि को बढ़ाने जा रही है.

शिमला में आतंक 
शिमला में नर-वानर के वर्चस्व का संघर्ष पुराना नहीं है. जब से राजधानी शिमला में शहर का दायरा बढ़ने लगा. बंदर इंसानों पर हमला करते जा रहे हैं. लगातार बढ़ रही मंकी बाइटस की घटनाओं ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. अब सरकार बंदरों को मारने पर दी जाने वाली राशि को 700 से बढ़ाकर 1 हजार करने का फैसला किया है, जिसकी जल्द घोषणा होग. वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है.

91 तहसील और सब तहसीलों में वर्मिन घोषित

वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि लोग धार्मिक भावना के कारण बंदरों को नहीं मार रहे हैं. प्रदेश में 91 तहसील और सब तहसीलों में बंदरों को बारमिन घोषित किया गया है. सीएम जयराम ठाकुर ने भी कहा कि जल्द ही सरकार समस्या का हल खोजने के लिए अधिकारियों के साथ हाईलेवल बैठक भी करेगी. बंदरों को मारने में धार्मिक भावना आड़े आ रही है.

बंदरों के व्यवहार पर स्टडी 
वन विभाग ने तय किया है कि शिमला में बंदरों के व्यवहार पर स्टडी की जाएगी. क्योंकि बंदर स्टरलाइजेशन के बाद हिंसक हो रहे हैं. शिमला का बंदर हिमाचल के बाकी बंदरों से ज्यादा हिंसक है. इसके अलावा शिमला में डस्टबिन की गंदगी भी बंदरों के इंसानों पर हमले का कारण बन रही है. क्योंकि बंदर खाने के लालच में डस्टबिन के आसपास इकट्ठा हो जाते हैं और जब कोई वहां से गुजरता तो उस पर हमला कर देते हैं, इसलिए वन विभाग ने फैसला किया है कि नगर निगम से बात करके शिमला के कुछ क्षेत्रों को डस्टबिन मुक्त किया जाएगा. इसके बाद देखा जाएगा कि वहां बंदरों की समस्या कम हुई या नहीं.

शिमला में 2813 लोगों को काटा
शिमला में पांच साल में बंदरों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं. पांच साल में 2813 मामले मंकी बाइटस के सामने आए हैं, जो लगातार बढ़ रहे हैं. यह आंकड़़ा केवल शिमला के आईजीएमसी अस्पताल का है. इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो वो दिन दूर नहीं जब शिमला शहर में वानरराज हो जाएगा और इंसानों को यहां से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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