सपा नेता आजम खां के खिलाफ ईडी (ED) ने भले ही गुरुवार को मामला दर्ज किया है लेकिन आयकर के रडार पर आजम की संपत्ति करीब सालभर से है। बीते वर्ष जुलाई माह से आयकर विभाग गोपनीय जांच कर रहा है। नोटबंदी के बाद कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खां लाला ने तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक से राजभवन में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि जौहर ट्रस्ट के कालेधन को जिला सहकारी बैंक से गलत तरीके से बदला गया है। वर्ष 2016 में 17 नवंबर को दिए इस पत्र में जौहर ट्रस्ट को आय से अधिक चंदा देने वालों की जांच तथा आजम खां द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच की मांग की गई थी। राज्यपाल ने तत्कालीन वित्तमंत्री को फैसल लाला की शिकायत भेजी थी और नियमानुसार कार्रवाई के लिए लिखा था। जिस पर आयकर विभाग को जांच सौपी गई थी।
वहीं, सांसद आजम खां ने अपने वीडियो मैसेज में कहा है कि हमने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बंद कर दिया है। आरोप लगाया कि अफसर यूनिवर्सिटी से ट्रकों से सामान भरकर ले गए। आजम खां ने गुरुवार को एक वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें कहा है कि चुनाव जीतने का नतीजा यह हुआ हमारी ईडी और एसआईटी से जांच कराई जा रही है। अब विधानसभा का उपचुनाव होना है तो अफसरों ने हमारी यूनिवर्सिटी को लूट लिया है। जो सामान और किताबें हमने खरीदी हैं, उन्हें चोरी का बताया जा रहा है। कलकत्ता से पुराना फर्नीचर खरीदा था, जिसके बिल हैं हमारे पास। मलवा खरीदा था, जिसके पेपर हैं। उसका सामान भी ट्रकों से ले जाया जा रहा है। मैं देखना चाहता हूं बीएचयू और एएमयू की जमीनों के कागज कहां हैं।
वही सपाइयों का कहना है की सांसद आजम खां को फर्जी मामले में फंसा कर बदनाम करने की साजिश हो रही है। यह सब बदले की भावना से हो रहा है। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से किताब चोरी के आरोप रागद्वेष से प्रेरित बचकानी हरकत है। जायजा लेने के लिए जनप्रतिनिधि रामपुर जा रहे थे। इन्हें अवैधानिक ढंग से रोका गया है। यह नागरिक अधिकारों पर कुठाराघात है।
वहीँ जया प्रदा, पूर्व सांसद व भाजपा नेता ने कहा की आजम खां के हर गुनाह में अखिलेश यादव साथ दे रहे हैं। संसद में भी यह दृष्य सभी ने देखा। हैरत है कि इतना सब होने के बाद सपा अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति का समर्थन करते दिखे। पुलिस अपना काम कर रही है उनके काम में बाधा डालने को सपाइयों को कूच करने का हुक्म दिया जा रहा है। चोरी की किताबों की बरामदगी जौहर यूनिवर्सिटी से हो रही है।