उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक दिन पहले दुल्हन बनकर आई युवती ने खाने में नशा देकर पति समेत पूरे परिवार को बेहोश कर दिया। फिर नकदी और जेवर लेकर फरार हो गई। बेहोश मिले परिवार के सदस्यों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिकायत के बाद से सिविल लाइंस पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के झाझनपुर निवासी संजय सैनी (32) होटल में काम करता है। दो अगस्त को संजय ने मंदिर में पूजा नाम की युवती से शादी की थी। संजय को बताया गया था कि युवती बरेली की रहने वाली है। शादी के बाद नई नवेली दुल्हन घर में आने से परिवार में खुशी का माहौल था। संजय की बहनें और भांजे-भांजियां भी घर में थीं। शनिवार रात दुल्हन ने अपने हाथ से सबके लिए खाना बनाया।
आरोप है कि खाने में दुल्हन ने कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया। इसके कारण खाना खाने के करीब आधे घंटे बाद ही परिवार के सभी सदस्य बेहोश हो गए। बाद में दुल्हन घर में रखी 16 हजार रुपये की नकदी, सोने की चेन, कुंडल, पैंडल समेत अन्य जेवर लूट कर फरार हो गई। रविवार सुबज संजय का भाई प्रदीप उठा तो परिवार के सदस्यों को बेहोशी की हालत में पाया। घर से दुल्हन गायब थी।
नशीला खाना खाने से संजय, उसकी बहन मंजू व लक्ष्मी निवासी फिरोजपुर संभल, लक्ष्मी की बेटी चंचल (17) और बेटे अंकित (13) बहोश हुए थे। जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिविल लाइंस एसएचओ शक्ति सिंह ने जिला अस्पताल पहुंच कर पीड़ित परिवार से बातचीत करके घटना की जानकारी ली।
पीड़ित दूल्हे के भाई प्रदीप ने बताया कि संजय शादी करके घर बसाने के लिए काफी समय से तैयारी कर रहा था। इसी बीच पिता वीरू ने संभल में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से बात की। रिश्तेदार बिचौलिया बना और बरेली की रहने वाली पूजा से शादी तय कराया। प्रदीप के अनुसार जब दुल्हन देखने के लिए परिवार के सदस्य बरेली गए तो उन्हें मंदिर में ही दुल्हन दिखाई गई थी। किसी ने उसका घर नहीं दिखाया। बताया गया कि शादी के बाद एक महिला दुल्हन के साथ आई थी, जिसे दुल्हन अपनी मौसी बता रही थी। शनिवार रात वह भी संजय के घर रुकी थी और वारदात के बाद दुल्हन के साथ ही वह महिला भी गायब हो गई। प्रदीप ने बताया कि घटना के बाद से बिचौलिया भी कॉल रिसीव नहीं कर रहा है।
प्रदीप ने बताया कि शादी तय कराने के बाद बिचौलिये के माध्यम से लड़की के पिता से बीस हजार रुपये लिए थे। गरीब परिवार बताकर कहा था कि शादी में जो जरूरी सामान देना है उसके लिए भी पैसे नहीं है। इसके बाद संजय के पिता वीरू ने बिचौलिया के माध्यम से उस परिवार को बीस हजार रुपये दिए थे। प्रदीप ने बताया कि वह घर में अपना खाना अलग बनाता है इसलिए नशीला खाना उसे नहीं खाना पड़ा था।