दिल्ली: 17वीं लोकसभा का पहला सत्र समाप्त होते ही स्पीकर ओम बिरला ने इसे ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि 1952 से अब तक के इतिहास में इस सत्र में उल्लेखनीय कामकाज हुआ. मोदी सरकार ने इस सत्र में वैसे तो 36 बिल पारित करवाए, लेकिन पांच बिल ऐसे थे जिसने खूब सुर्खियां बटोरी, बहस हुई और जमकर हंगामा भी. पांच बिल हैं-
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल
- अनुच्छेद 370 (संकल्प)
- मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम (तीन तलाक बिल)
- गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन (यूएपीए) बिल
- सूचना के अधिकार (आरटीआई) संशोधन विधेयक. ये वो पांच बिल हैं जिसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने मंजूरी दी.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल
17वीं लोकसभा के पहले सत्र के आखिरी दिन इस बिल को लाया गया और इसे आसानी से पास करा लिया गया. इस बिल को सोमवार को राज्यसभा ने मंजूरी दी थी. इसमें जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का प्रावधान किया गया है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगा. जबकि लद्धाख में विधानसभा नहीं होगा. विपक्षी पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध किया. इस बिल की देशभर में खूब चर्चा हो रही है.
अनुच्छेद 370 (संकल्प)
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर मंजूरी के साथ अनुच्छेद 370 संबंधित संकल्प को भी लोकसभा ने आज सत्र के आखिरी दिन मंजूरी दी. इसी के साथ जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला विशेषाधिकार खत्म हो गया है. अब किसी कानून को संसद अगर मंजूरी देती है तो सीधे तौर पर कश्मीर में भी लागू होगा. बाहरी लोग भी जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं.