जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य के पुनर्गठन से पाकिस्तान बौखला गया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा उसने भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड कर दिया है यानी राजनयिक संबंध का दर्जा घटा दिया है। इसका मतलब है कि वह भारत के उच्चायुक्त को वापस भेजेगा और नई दिल्ली से अपने उच्चायुक्त को भी वापस बुलाएगा।
बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नैशनल सिक्यॉरिटी कमिटी की बैठक बुलाई थी, जिसमें ये फैसले हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड किया जाएगा। बैठक में यह भी फैसला हुआ कि भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों और व्यवस्थाओं (समझौतों) की समीक्षा होगी और मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाया जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान ने 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।
बता दें कि भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के उन प्रावधानों को खत्म कर दिया है जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को कई तरह के विशेषाधिकार मिले हुए थे। इसके अलावा राज्य को 2 केंद्रशासित भागों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया है। इससे पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और लगातार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को संसद में कहा था कि कश्मीर पर लिए गए फैसलों के बाद भारत में पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि इससे परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी तो इमरान से भी एक कदम आगे बढ़ते हुए बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ युद्ध से नहीं डरना चाहिए। चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को अपमान और युद्ध में से किसी एक को चुनना होगा। उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को पूरी तरह से खत्म करने की भी मांग की।