राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 73 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति का शाम लगभग सात बजे राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू किया और इसे आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के सभी केंद्रों से प्रसारित किया गया है। सबसे पहले राष्ट्रपति कोविंद ने अपना संबोधन हिन्दी भाषा मे किया।
पेश है संबोधन के कुछ अंश :-
हमारी संस्कृति की यह विशेषता है कि हम सब प्रकृति के लिए और सभी जीवों के लिए प्रेम और करुणा का भाव रखते हैं। पूरी दुनिया के जंगली बाघों की तीन-चौथाई आबादी को हमने सुरक्षित बसेरा दिया है|
भारत युवाओं का देश है। हमारे युवाओं की ऊर्जा खेल से लेकर विज्ञान तक और ज्ञान की खोज से लेकर सॉफ्ट स्किल तक कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा बिखेर रही है।
लोगों के जनादेश में उनकी आकांक्षाएं साफ दिखाई देती हैं। इन आकांक्षाओं को पूरा करने में सरकार अपनी भूमिका निभाती है। मेरा मानना है कि 130 करोड़ भारतवासी अपने कौशल, प्रतिभा, उद्यम तथा इनोवेशन के जरिए, बहुत बड़े पैमाने पर, विकास के और अधिक अवसर पैदा कर सकते हैं |
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि संसद के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की बैठकें बहुत सफल रही हैं |
मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे |
2019 का यह साल, गुरु नानक देवजी का 550वां जयंती वर्ष भी है। वे भारत के सबसे महान संतों में से एक हैं। गुरु नानक देवजी के सभी अनुयायियों को मैं इस पावन जयंती वर्ष के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं |
हम अपने उन असंख्य स्वतन्त्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाने के लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान के महान आदर्श प्रस्तुत किए|