विवादित धर्मगुरु जाकिर नाइक की मलयेशिया में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने जाकिर नाइक को भारत वापस भेजने की मांग की है। पिछले 3 साल से मलयेशिया में रह रहे नाइक के भारत प्रत्यर्पण पर मलयेशिया की कैबिनेट आज फैसला ले सकती है। मलयेशिया की सरकार में मंत्री कुलेसगरन ने विवादित धर्मगुरु को शरण दिए जाने पर बेहद तल्ख भाषा में पत्र लिखा है। भारत में नाइक पर नफरत भरे भाषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज हैं।
नाइक के बयान पर मलयेशिया के मंत्रियों ने दी सख्त प्रतिक्रिया
मलयशिया के मंत्री ने जाकिर नाइक को अपने देश की बहुसंस्कृति के लिए खतरा करार दिया। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘जाकिर नाइक का बयान भड़काऊ है और मलयेशिया के बहुसांस्कृतिक समाज के लिए खतरा है। उसके बयान से मुस्लिमों और गैर-मुस्लिमों के बीच विवाद पैदा हो सकता है।’ बता दें कि नाइक ने कुछ दिन पहले कहा था कि मलयेशिया में रहनेवाले हिंदू भी नरेंद्र मोदी के वफादार हैं। नाइक ने अपने बयान में यह भी कहा था कि मलयेशिया में रहनेवाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भारत में रहनेवाले मुस्लिम अल्पसंख्यकों की तुलना में 100 गुना अधिक अधिकार हैं।
मलयशिया के कम्युनिकेसन ऐंड मल्टीमीडिया मंत्री गोविंद सिंह देव ने भी इस पर क़ड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। हमारी स्पष्ट मांग है कि नाइक को मलयेशिया में अब एक दिन भी और रहने की अनुमति न दी जाए। देव भारतीय मूल के हैं और मलयेशिया की राजनीति में काफी चर्चित हैं।
जाकिर नाइक ने बयान पर विवाद के सफाई देते हुए सारा दोष मीडिया पर मढ़ दिया। नाइक ने कहा, ‘मेरा इरादा मलयेशिया सरकार की आलोचना नहीं था। मैंने मलयेशिया सरकार की अल्पसंख्यकों के साथ निष्पक्ष और अच्छा व्यवहार करने के लिए तारीफ की थी। मेरे बयान के एक हिस्से को मीडिया ने संदर्भ से अलग रखकर पेश किया।’