रोहतक में हुई परिवर्तन महारैली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपना दमखम दिखाते हुए प्रदेश की जनता से कई बड़े वादे किये है. इससे पहले माना जा रहा था कि आज रैली में हुड्डा अपनी नई पार्टी बना सकते है. साथ ही मीडिया में चल रही अटकलों के मुतबिक भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते है लेकिन सभी अटकलों को आज विराम लगाते हुए हुडा ने इस रैली के माध्यम से आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने का काम किया है.
इस मौके पर हुड्डा ने क्या किये जनता से वादे, सरकार बनते ही जनता को क्या क्या देना चाहते है, पढ़िए
- हुडा ने कहा है कि अगर हमारी सरकार बनी तो हरियाणा के किसान का कर्ज़ा माफ़ करेंगे.
- दो एकड़ ज़मीन वाले किसान की बिजली माफ़ की जाएगी.
- अपराध पर वार करते हुए कहा है कि हमारी सरकार बनते ही दो महीने के अंदर सभी अपराधियों को जेल भेजेंगे,
- सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी.
- सभी गरीब महिलाओ के लिए हर महीने 2000/- देंगे.
- BPL कार्ड वाले सभी गरीब लोगों के लिए 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी.
- बिजली के दाम आधा करेंगे.
- रोजगार के मामले पर भी बोलते हुए कहा है कि हर परिवार में एक को नौकरी देंगे . रोजगार नहीं मिलने तक पोस्ट ग्रेजुएट को 10000 रुपये, Bachelor degree वाले को 7000 रुपये देंगे
- 75% नौकरिया हरियाणवी को दी जाएगी.
- बुढ़ापा पेंशन पर भी बोलते हुए कहा है सभी को पांच हज़ार रुपये महीना देंगे.
- सभी जातियों के मुताबिक चार उपमुख्यमंत्री बनाये जायेंगे.
- हरियाणा रोडवेज में महिलाओ को सफर मुफ्त किया जायेगा
- आँगनवाड़ी,आशावर्कर और मिड डे मील में काम करने वाले कर्मचारियों का भत्ता सरकारी कर्मचारियों के बराबर होगा
- सातवां बेतन आयोग पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा..
- गरीब आदमी को दो रुपये चावल और दो रुपये गेंहू देंगे
आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार को हुड्डा ने दिल्ली में कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुड्डा की मुलाकात नहीं होने को लेकर भी तमाम तरीके की चर्चाएं शुरू हो गई थी. शनिवार को दिल्ली में पार्टी नेताओं के साथ हुई बैठक को फिलहाल हुड्डा ने सिर्फ एक रूटीन मीटिंग ही बताया था. हुड्डा ने दिल्ली में मीडिया से सिर्फ इतना कहा,’मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की है और जहां तक वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक का सवाल है यह सिर्फ एक रूटीन मीटिंग भर है.
राजनीतिक जानकारों की मानें को हरियाणा कांग्रेस के नेता हुड्डा के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं. इसकी वजह हाल में हुए लोकसभा चुनाव भी हैं, जिसमें बीजेपी ने हुड्डा के जाट वोटबैंक में सेंधमारी कर दी है. इसके कारण ही हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि चार पीढ़ियों से कांग्रेसी रहे हुड्डा को उनके समर्थक पार्टी की ओर से राज्य के सीएम कैंडिडेट के रूप में प्रॉजेक्ट कराना चाहते हैं और इस मांग को कांग्रेस नेतृत्व ने खारिज कर दिया है.
हुड्डा को 13 विधायकों का समर्थन
हरियाणा में कांग्रेस के कुल 16 सदस्य हैं, जिनमें हुड्डा को 13 विधायकों का समर्थन हासिल है, वहीं कांग्रेस विधायक दल नेता किरन चौधरी ने अपना समर्थन पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को दिया है. इसके अलावा विधायकों के अन्य दलों का नेतृत्व रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य नेता कर रहे है.
सियासत के इस फैसले में हुड्डा की राजनीतिक राह भले ही अलग हो, लेकिन तरीका ठीक वही है, जिसे कि राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपनाया था. हुड्डा से पहले भजन लाल, चौधरी देवी लाल और बंशी लाल जैसे नेता भी अपनी अलग पार्टियों के साथ सियासी लड़ाई लड़ चुके हैं.