सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की शुक्रवार को घोषणा की। इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी।
आइये जानते है निर्मला सीतारमण की घोषणा की दस महत्वपूर्ण बातें :-
1-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा।
2-यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय किया जायेगा। इससे पहले वर्ष 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे।
3-वित्त मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि बजट में बैंकों की मदद के लिए घोषित 70 हजार करोड़ रुपये में से किस बैंक को कितनी रकम मिलेगी।
4-इन विलय प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद सरकारी स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूको बैंक रह जाएंगे।
5-उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2017 में मोदी सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच अनुषंगी बैंकों का विलय किया था। अप्रैल 2020 विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय सफलतापूर्वक पूरा हुआ था और इससे सरकार को बैंक सुधार पर आगे बढ़ने में मदद मिली।
6-बैंक कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी
वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि विलय के बावजूद बैंक कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी। बैंक के शीर्ष पदों पर नियुक्तियों में कुछ निजी क्षेत्रों में से होंगी और उन्हें निजी बैंकों जैसा वेतन दिया जाएगा। बैंक बोर्ड ऑफ ब्यूरो नियुक्तियों में और खुलापन लाएगा।
7-पंजाब नेशनल बैंक में
ओरियंटल और यूनाइटेड बैंक का विलय
दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा
कुल कारोबार : 17,94,526 करोड़ रुपये
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8-इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक
07वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक
कुल कारोबार : 807859 करोड़ रुपये
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9-केनरा और सिंडिकेट बैंक
04 था सबसे बड़ा सरकारी बैंक
कुल कारोबार : 1520295 करोड़ रुपये
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10-यूनियन बैंक में
आंध्रा बैंक कॉरपोरेशन बैंक का
05वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक
कुल कारोबार : 14,59,434 करोड़ रुपये