गाजियाबाद : आमतौर पर लोग पालतू कुत्तों को सुबह घुमाने के लिए निकलते हैं और कई बार जहां-तहां पॉटी करा देते हैं। ऐसे लोगों पर गाजियाबाद नगर निगम ने अब लगाम कसने का फैसला लिया है। नगर निगम की बोर्ड बैठक में शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में डॉगी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी फीस भी अब 100 गुना बढ़ाते हुए 5,000 रुपये कर दी है। अब तक इसके लिए महज 50 रुपये ही देने होते थे।
यही नहीं अगर कुत्ते ने सड़क पर, ग्रीन बेल्ट, पार्क या किसी सार्वजनिक स्थान पर पॉटी की, तो मालिक को 500 रुपये जुर्माना देना होगा। बोर्ड बैठक में 59 प्रस्ताव रखे गए, लेकिन किसी अजेंडे पर चर्चा नहीं हो सकी। दोपहर करीब डेढ़ बजे तय किया गया कि आज केवल प्रश्नकाल होगा। अब अजेंडे पर चर्चा के लिए 18 सितंबर को फिर से बोर्ड बैठक होगी। हालांकि इसमें केवल अजेंडे में शामिल प्रस्तावों पर ही चर्चा होगी।
चर्चा के बाद सबने दी सहमति
पार्षद संजय सिंह ने बैठक में आवारा व पालतू
कुत्तों का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि लोग डॉगी पालते हैं, लेकिन उनका लाइसेंस नहीं बनवाया जाता। सदन में इस पर गहनता से चर्चा हुई।
इसके बाद सदन ने फैसला किया कि शहर में डॉगी पालने के लिए बनने वाले लाइसेंस की
फीस अब 50 रुपये की जगह 5000 रुपये होगी।
पहले रद्द करना पड़ा था आदेश
पिछले साल भी निगम
ने डॉगी के लिए लाइसेंस फीस 100 गुना बढ़ाने का
प्रस्ताव पास किया था। बाद में संगठनों की आपत्ति के बाद प्रशासन ने संशोधन कर इसे
मिनट्स बुक से हटा दिया। इस कारण वह प्रस्ताव शून्य मान लिया गया। इसलिए सदन में
दोबारा से यह प्रस्ताव पार्षदों को लाना पड़ा।
गाजियाबाद का नाम बदलने का भी प्रस्ताव
बीजेपी पार्षद
देवेन्द्र भारती ने बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पेश किया। उनका
कहना था कि गाजियाबाद जिले का नाम पूर्व में प्रगति नगर के नाम पर प्रचलित था।
उन्होंने इसका नाम प्रगति नगर, दुधेश्वरनाथ नगर, गजप्रस्थ नगर या हरनंदी नगर रखने की मांग की है। इस प्रस्ताव पर 18 सितंबर को चर्चा होगी।