असम पुलिस की हैवानियत , गर्भवती महिला की पिटाई के दौरान हुआ गर्भपात

असम पुलिस ने मंगलवार को अपने दो अधिकारियों को कथित टॉर्चर, कपड़े उतरवाने और गर्भवती महिला सहित दो महिलाओं की पिटाई के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह घटना पिछले हफ्ते असम के दिरांग जिले में घटित हुई। महिला का दावा है कि वह दो महीने की गर्भवती थी और पिटाई के कारण उसका गर्भपात हो गया है। पुलिस ने तब कार्रवाई की जब मंगलवार को बहनों ने मीडिया को अपनी आपबीती बताई और आरोप लगाया कि आठ दिन बीतने के बाग भी पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है। 

एक अपहरण के मामले में पुलिस ने तीनों बहनों को पकड़ा था। उनके भाई पर एक परिवार ने अपनी बेटी को भगाने का आरोप लगाया था। महिला और पुरुष दोनों अलग-अलग धर्मों के हैं। असम के पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने कहा, ‘पुलिस पोस्ट के इंचार्ज और महिला कांस्टेबल के खिलाफ कानून की उचित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है। दोनों को निलंबन के तहत रखा गया है।’

पुलिस प्रमुख ने कहा कि पुलिस उप महानिरीक्षक बी सिंघा से घटना के बारे में पूछताछ करने और सात दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। पुलिस के दो कर्मियों पर मारपीट या उसके शील को अपमानित करने के इरादे से आपराधिक बल का इस्तेमाल करना, गलत तरीके से कारावास में रखना और हमला करने के इरादे से आपराधिक बल का उपयोग करना के तहत मामला दर्ज किया गया है।

तीन बहनों में से एक 28 साल की गृहिणी ने 10 सितंबर को दरांग के पुलिस अधीक्षक अमृत भुयान से शिकायत की है। जिसमें उसका कहना है कि दो पुलिस अधिकारियों थाना इंचार्ज महेंद्र शर्मा और महिला कांस्टेबल बिनिता बोरो ने उनके पति और दो बहनों के कपड़े उतरवाकर उनकी पिटाई की। उनका कहना है कि दरांग जिले के पुलिस अधिकारी रात के डेढ़ बजे नौ सितंबर को उनके आवास पर आए और उन्हें, उनके पति और दो बहनों को लेकर पुलिस स्टेशन चले गए।

मंगलवार को शिकायतकर्ता ने कहा, ‘जब उन्होंने पूछा कि हमें यहां क्यों लाया गया है तो प्रभारी अधिकारी महेंद्र शर्मा ने मेरे सिर पर बंदूक तान दी।’ उनका दावा है कि पुलिस पोस्ट में तीनों बहनौं और पति के साथ पुलिस अधिकारियों ने मारपीट की। शिकायतकर्ता ने कहा, ‘उन्होंने पहले मेरे पति को बंद कर दिया। पहले उन्होंने मेरी सबसे छोटी बहन के कपड़े उतरवाए और उसे डंडे से पीटा। वह बाएं पैर से आंशिक रूप से विकलांग है। उन्होंने उसी पैर पर उसे मारा।’

इसके बाद दूसरी बहन के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई। वह पुलिसवालों को बताती रही कि वह गर्भवती है। महिला ने दावा किया, ‘उन्होंने मेरे पेट में मारा जिसके कारण गर्भपात हो गया।’ हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि महिला गर्भवती है या उसका गर्भपात हुआ है चूंकि शिकायत में इसका जिक्र नहीं है। तीनों बहनों के शरीर पर गहरे लाल रंग के निशान हैं जिसे उन्होंने पुलिस की मारपीट का परिणाम बताया है।

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