बंगलूरू : जंग के मैदान में हथियार गिराने की अचूक क्षमता हो या दुश्मन की मिसाइल से निपटने की कलाबाजी, भारत के स्वदेशी और हल्के लड़ाकू विमान तेजस को महारत हासिल है। दुश्मन के छक्के छुड़ाने की ताकत रखने वाले इसी फाइटर प्लेन में आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उड़ान भरी। अधिकारियों ने बताया कि वह तेजस में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री हैं। आपको बता दें कि हवा में उड़ान और युद्ध के लिए हल्के फाइटर प्लेन ज्यादा सफल होते हैं। भारत का तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) ऐसा ही एक दमदार लड़ाकू विमान है, जो अपनी श्रेणी में पाकिस्तान और चीन के लड़ाकू विमानों को कड़ी टक्कर दे रहा है।
भारतीय वायुसेना तेजस के विमानों की एक खेप पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। इसे उड़ाने वाले पायलट इसकी खूबियों से काफी संतुष्ट हैं। तेजस को डीआरडीओ की ऐरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन किया है। इस एयरक्राफ्ट की कल्पना 1983 में की गई थी। हालांकि यह प्रॉजेक्ट 10 साल बाद 1993 में सैंक्शन हुआ था। इसे हिंदुस्तान ऐरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है।
हथियार गिराने की अचूक क्षमता
एयर चीफ मार्शल बीएस
धनोआ बताते हैं कि तेजस ना सिर्फ लगातार हमले करने में सक्षम है बल्कि यह सही
निशाने पर हथियार गिराने की भी अचूक क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, ‘यह एक फाइटर प्लेन है, इसे फाइटर की तरह ही
काम करना होगा। इसने हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों मोड में अच्छा काम किया है।
पायलट्स भी इससे काफी खुश हैं।’
वैसे तो यह भारतीय ही है लेकिन इसमें थोड़ी मदद विदेशियों की भी है। जैसे इसका इंजन अमेरिकी है, रेडार और हथियार इजरायली हैं और कई अन्य पुर्जे भी विदेश से लाए गए हैं।
तेजस को हल्का विमान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है। इसका सीधा-सीधा मतलब हुआ कि किसी धातु से बनने वाले विमानों की तुलना में यह काफी हल्का होता है। कमाल की बात है कि हल्का होने के बावजूद भी यह अन्य विमानों की तुलना में ज्यादा मजबूत है।