इन दिनों बाजार में सेब से महंगा प्याज बिक रहा है। बीते 15 दिनों में ही सेब के दामों में 80 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट आ गई है। 120 रुपये किलो बिक रहा सेब वर्तमान में 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं प्याज का भाव 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अमूमन सितंबर और अक्तूबर महीने में प्याज 20 रुपये से 25 रुपये किलो और सेब 60 रुपये से 80 रुपये किलो रहता है। लेकिन, इस साल प्याज और सेब के दाम का रुझान बिल्कुल अलग है। सेब सस्ता हो गया है और प्याज महंगा हो गया है।
सेब का भाव क्यूं गिरा
आजादपुर फल एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष मेठा राम कृपलानी ने बताया कि इस साल सेब की फसल के लिए मौसम अनुकूल रहा है। इससे शिमला में सेब का अच्छा उत्पादन हुआ है। वहीं, कश्मीर में हालात बेहतर होने से सेब की आवक तेजी से बढ़ी है। शिमला से दिल्ली की मंडियों में सेब की आवक बढ़ी है। इससे दिल्ली और आसपास की मंडियों में सेब का भाव गिरा है। आजादपुर मंडी में अच्छी किस्म का सेब 30 से 65 रुपये में उपलब्ध है।
इसलिए प्याज के भाव में आया उछाल
इस वक्त देशभर में नासिक और गुजरात के प्याज की आपूर्ति होती है। इस साल इन दोनों राज्यों में भारी बारिश होने से प्याज की फसल को बहुत नुकसान हुआ है। इससे बाजार में प्याज की आपूर्ति घटी है। वहीं दिल्ली, राजस्थान के स्थानीय व्यापारियों ने कमी को देखते हुए प्याज का भंडार बढ़ा दिया। ऐसे में बाजार में मांग के अनुसार प्याज की आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे प्याज में एकदम से उछाल आ गया है।
90 रुपये तक जा सकता है प्याज
आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने हिन्दुस्तान को बताया कि आने वाले दिनों में प्याज 20 रुपये और महंगा हो सकता है। इसकी वजह मध्यप्रदेश, नासिक और दक्षिण भारतीय राज्यों से प्याज की आवक कम होना है। इन राज्यों में भारी बारिश से प्याज की आपूर्ति काफी कम हो गई है। इससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमत 80 से 90 रुपये तक पहुंच सकती है।
हरकत में आई सरकार
प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है। उसने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये सरकार ने इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन तय किया है। इससे प्याज निर्यात कम करने में मदद मिलेगी और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ने से दाम में कुछ राहत मिलेगी।
बारिश से आपूर्ति बाधित
केंद्र सरकार ने पिछले महीने प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ से प्याज की आपूर्ति बाधित होने की आशंका के बीच जमाखोरों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं।