नकली शराब और अवैध कालाबाजारी रोकने के लिए अब शराब की हर बोतल पर बार कोड लगाया जाएगा। इसे प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन से स्कैन करते ही बोतल में शराब का पूरा ब्योरा कंप्यूटर की स्क्रीन पर होगा। इसके लिए लाइसेंसी दुकानों पर अब पीओएस मशीन लगाना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने
आबकारी विभाग की पूरी कार्य प्रणाली को ऑनलाइन किए जाने के लिए ‘एंड टू एंड सॉल्यूशन’ प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी। जैसे ही बार कोड पीओएस मशीन से स्कैन
किया जाएगा, शराब के ब्रांड, मात्रा, गुणवत्ता की जानकारियां सामने होंगी। इससे शराब की कालाबाजारी पर न सिर्फ रोक
लगेगी, बल्कि ऑनलाइन व्यवस्था के तहत इसका पूरा ब्यौरा मुख्यालय पर
भी रियल टाइम में उपलब्ध होगा।
इसके अलावा डिस्टलरी को अपनी व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए पैकिंग
स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। इस पर लगभग 765 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह खर्च डिस्टलरी को ही वहन करना होगा।
प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए
होलोग्राम लगाए जाते थे, जिस पर प्रति बोतल 28 पैसे का खर्च आता था। होलोग्राम की कालाबाजारी से पूरी प्रक्रिया फेल होने लगी
थी। नई व्यवस्था में भी उतना ही खर्च आने की उम्मीद है।