कैसा रहा फरीदाबाद में चुनावी माहौल? किस किस बड़े नेता की साख़ लगी है दाव पर. जानिए

फरीदाबाद की कई सीटों को लेकर इस बार देश के प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों की साख दाव पर लगी हुई है। एक के बाद एक ताबड़तोड़ जनसभाएं आयोजित करके इन माननीयों ने अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया था। मतदान प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है। प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है। अब 24 अक्तूबर को मतगणना के बाद आने वाले परिणाम के साथ ही भाजपा के कई नेताओं का कद भी तय होगा। इनमें एक प्रदेश और एक केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

मोदी-शाह-मनोहर के साथ टीवी कलाकार भी उतरे थे प्रचार में:
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ‘अबकी बार 75 पार’ का नारा दिया था। भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की आपसी गुटबाजी और प्रत्याशियों की खिलाफत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में फरीदाबाद से ही अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरूआत 14 अक्तूबर से की थी।

बल्लभगढ़ के सेक्टर-61 में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा मतदान की अपील की थी। अकेले तिगांव और ओल्ड फरीदाबाद सीट पर फूट को लेकर भाजपा आलाकमान तक की नींद उड़ी हुई थी। यही कारण है कि प्रधानमंत्री की रैली से पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी तिगांव और फरीदाबाद समेत जिले की पांच विधानसभाओं में अपनी चुनावी प्रचार रैली को आयोजित कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर चुके थे।

प्रधानमंत्री की जनसभा के दो ही दिन बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी तिगांव में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। वहां मतदान की अपील के साथ ही अमित शाह ने मंच से यहां तक कह दिया था कि तिगांव से भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर को आप विधायक बनाओ, उन्हें बड़ा नेता बनाने का वादा वह करते हैं।

प्रधानमंत्री समेत देश के दो शीर्ष नेताओं की जनसभा के साथ ही पूर्व में टीवी कलाकार रही और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी तिगांव प्रत्याशी राजेश नागर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया था। बाद में भोजपुरी गायक और दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने भी उनके समर्थन में पूर्वांचल वोट को साधने का काम किया था।

पृथला में विरोध देखते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की थी जनसभा:
पृथला में भाजपा प्रत्याशी सोहनपाल सिंह छोंकर को अपने ही दल के पूर्व नेता नयनपाल रावत से जबरदस्त टक्कर मिल रही थी। टिकट न मिलने से बागी हुए नयनपाल रावत ने भाजपा प्रत्याशी के सामने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया था।

बागी नयनपाल के बढ़ते जनाधार ने भाजपा हाईकमान की नींद भी उड़ा दी थी। यही कारण रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की रैलियों के बाद पृथला में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को अलग से जनसभा करनी पड़ी।

संघ की टीम को लगाया गया निगरानी के लिए:
ओल्ड फरीदाबाद से भाजपा ने इस बार उद्योग मंत्री विपुल गोयल का टिकट काटकर पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही अंदरखाने इस सीट पर नरेंद्र गुप्ता का विरोध होने लगा था।

मामला हाईकमान तक पहुंचा तो इस सीट के लिए अलग से संघ पदाधिकारियों की एक टीम तैयार की गई। वैसे तो संघ की इस टीम को फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल और नूंह जिले की 15 विधानसभा क्षेत्रों में माहौल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, मगर संघ पदाधिकारियों की इस टीम की नजर में मुख्य रूप से ओल्ड फरीदाबाद और तिगांव सीट ही रही।

संघ की इस टीम ने पल-पल की रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पहुंचाई थी। इसके बाद ही भाजपा के दोनों शीर्ष नेताओं के कानों तक फरीदाबाद में आपसी फूट की कहानी पहुंची थी। डेमेज कंट्रोल के लिए इसके बाद ही ताबड़तोड़ जनसभाएं आयोजित की गई थीं।

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