दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के एक पैनल ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के स्तर को सीवीयर प्लस कैटेगरी में रखा गया है. पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण (EPCA) ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने पर सर्दियों के पूरे मौसम पटाखे (crackers) जलाने पर बैन लगा दिया है. वहीं कंस्ट्रक्शन (construction) पर लगी रोक को 5 नंवबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार हरियाणा की बीजेपी और पंजाब की कांग्रेस सरकार को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. आप का कहना है कि समय रहते दोनों ही राज्यों में सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए, प्रदूषण के चलते दक्षिणी दिल्ली के MCD स्कूल में छुट्टी की घोषणा की गई है. सोमवार तक स्कूल बंद रहेंगे. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 पर पहुंच गया है
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा के हालात को देखते हुए उठाए कदम
दिल्ली के लोधी रोड, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम इलाके में वायु प्रदूषण में PM 2.5 का लेवल एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार 500 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. गाजियाबाद में ये आंकड़ा 487 पर है. वहीं नोएडा में भी ये आंकड़ा 500 को छूने की ओर बढ़ रहा है. यूपी के 8 शहर खतरनाक वायु प्रदुषण की चपेट में हैं. गुरुग्राम और सिरसा में भी हालात अच्छे नहीं हैं.
प्रदूषण से यह हो सकता है असर: प्रदूषण के चलते आंखों की रोशनी, फेफड़ाें में परेशानी, सिर दर्द, त्वचा में इंफेक्शन यहां तक की नर्वस सिस्टम की परेशानी भी हो सकती है.
ऐसे हालात में डायरिया होना एक सामान्य बीमारी है.
डॉक्टरों की सलाह
सुबह और देर शाम की वॉक से बचें. यदि सुबह वॉक के लिए निकलते हैं तो कुछ खाकर बाहर जाएं.
पार्क में यदि ओस हो तो ही टहलें. ओस की वजह से प्रदूषण की एक परत साफ हो जाती है.
घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाकर निकलें.
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, इससे शरीर को हानि पहुंचाने वाले प्रदूषित तत्व असर कम करेंगे