दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा कि “एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। अगर संसद यह चाहती है, तो उस क्षेत्र (पीओके) को भी हमारा होना चाहिए। जब हमें उसका आदेश मिलेंगे, तो हम उचित कार्रवाई करेंगे।” थल सेना प्रमुख ने यह बात शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। बता दे कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने भी स्पष्ट कहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का है, जिसमें PoK भी शामिल है।
नरवणे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सृजित करने को तीनों सैन्य बलों के एकीकरण की दिशा में ‘बहुत बड़ा कदम’ बताया और कहा कि सेना इसकी सफलता सुनिश्चित करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान के प्रति निष्ठा ‘‘हर वक्त हमारा मार्गदर्शन’’ करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।’’
जनरल नरवणे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा, जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा। चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किये जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, ‘‘हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उत्तरी सीमा पर तैयारियों का पुनर्संतुलन प्रारंभ किया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली की तैनाती शामिल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीडीएस का गठन और सैन्य मामलों के विभाग का गठन एकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम अपनी तरफ से इसकी सफलता सुनिश्चित करेंगे।’’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘एकीकरण सेना के भीतर भी होगा और एकीकृत युद्ध समूह इसका एक उदाहरण है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एकीकरण की इस प्रक्रिया में हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। कोई भी पीछे नहीं रहेगा।’’