भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। अब वह विधायक नहीं हैं। इस मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दूबे ने अधिसूचना जारी की है। सेंगर उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव रेप केस में दोषी करार दिए गए हैं।
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कुलदीप सिंह सेंगर 20 दिसंबर 2019 से यूपी विधानससभा के सदस्य नहीं माने जाएंगे। इसके साथ ही 20 दिसंबर 2019 से बांगरमऊ विधानसभा खाली हो गई है।
अधिसूचना में कहा गया है कि कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव जिले के बांगरमऊ विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उन्नाव दुष्कर्म केस में उन्हें दोषी करार दिया है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 10 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा की सदस्यता खत्म मानी जाती है।
बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर (53) को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि उसे मौत तक जेल में रखा जाए। भाजपा से निकाले गए सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। कोर्ट द्वारा फैसला सुनाते वक्त कुलदीप सेंगर हाथ जोडे़ खड़ा था। फैसला आते ही सेंगर कोर्टरूम में फफक कर रो पड़ा था। इस दौरान कोर्ट में सेंगर की बहन और बेटी भी मौजूद थी।