दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में आज कांग्रेस के शिष्टमंडल ने दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने राष्ट्रपति कोविंद से अपील कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं. राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे.
सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं- सोनिया
कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा, ”सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी. हमने राष्ट्रपति से मिलने और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का फैसला किया.” उन्होंने ज्ञापन के कुछ हिस्से पढ़े और दावा किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं. गृह मंत्री और प्रशासन की निष्क्रियता से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ.
कांग्रेस की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘हम इस बात को दोहराते हैं कि गृह मंत्री को हटाए जाए क्योंकि वह हिंसा को रोकने में अक्षम साबित हुए.’’ पार्टी ने ज्ञापन में राष्ट्रपति से कहा, ‘‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि नागरिकों के जीवन, संपत्ति और आजादी की सुरक्षित रखा जाए. हम आशा करते हैं कि आप निर्णायक कदम उठाएंगे.’’
दिल्ली में जो हुआ वो बहुत चिंताजनक- मनमोहन
वहीं, मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के भीतर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक और राष्ट्रीय शर्म का विषय है. यह हालात को नियंत्रित रखने में केंद्र सरकार की पूरी विफलता का प्रमाण है. सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा है कि वह सरकार से ‘राजधर्म’ का पालन करने के लिए कहें.
हिंसा में 34 लोगों की मौत
बता दें कि हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या 27 से बढ़कर अब 34 हो गई है. इस हिंसा में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग, शिव विहार मुख्य रूप से दंगों से प्रभावित हुए हैं. हालांकि पुलिस ने बताया है कि कल शाम से हिंसा की कोई नई खबर सामने नहीं आई है. पुलिस ने अब तक 18 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज कर ली हैं. अब तक हिंसा फैलाने वालों में जिन आरोपियों की पहचान हुई है, उनमें से 106 को गिरफ्तार कर लिया गया है.