दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील कर रही है. शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता कानून के विरोध में लोग धरने पर बैठे हैं. इस वजह से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली कालिंदी कुंज रोड बंद है. प्रदर्शन की वजह से कई शोरूम भी बंद पड़े हुए है.
प्रदर्शनकारी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को वापस लेने या इसमें मुसलमानों को शामिल करने की मांग पर अड़े हुए हैं. इस प्रदर्शन की वजह से तीन राज्य दिल्ली, हरियाणा और यूपी सीधे-सीधे प्रभावित हो रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उत्तर-पूर्वी जिले में भड़की हिंसा को देखते हुए शाहीन बाग में एहतियातन धारा 144 लगा दिया गया है. पुलिस ने बताया कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को इससे कोई दिक्कत नहीं है, अन्य शख्स के यहां आने पर उसे हिरासत में ले लिया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग पर 23 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख तय की है. कोर्ट ने कहा है कि मामले को सुलझाने में वार्ताकारों को सफलता नहीं मिली. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि वार्ताकारों की भूमिका जारी रहेगी. सॉलिसीटर जनरल ने शाहीन बाग में कार्रवाई के लिए आदेश मांगा था. इस पर जज ने कहा था कि हम कोई आदेश नहीं दे रहे लेकिन कोई रोक भी नहीं लगा रहे.
कालिंदी कुंज रोड पर करीब 200 दुकानें बंद
शाहीन बाग के कारण दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाला रास्ता जो कालिंदी कुंज से होकर गुजरता है वो पिछले दो महीने से बंद है. ये रोड नंबर 13A है, जिसपर करीब 200 दुकानें हैं और सभी दुकाने बंद हैं. उस सड़क के कारण दूसरी सड़कें पूरे दिन जाम रहती हैं. दावा है कि ट्रैफिक जाम होने से एक घंटे का सफर ढाई घंटे में पूरा हो रहा है.
13A पर हर रोज गुजरते थे 82 हजार 500 वाहन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोड नंबर 13A यानी कालिंदी कुंज रोड पर प्रदर्शन ने पहले रोजाना 82 हजार 500 वाहन गुजरते थे. इनमें दस हजार वाहन माल ढुलाई वाले हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि इतनी बड़ी मात्रा में ये वाहन जब वैकल्पिक सड़कों से गुजरते होंगे तो उन सड़कों पर कितना ट्रैफिक होता होगा.
कहां तक जाने में कितना वक्त लगता है?
प्रदर्शन से पहले सरिता विहार से आश्रम जाने तक करीब 20 मिनट लगते थे, लेकिन अब 40 मिनट लगते हैं. इसी तरह जीके से बारापुल्लाह जाने तक पहले आधा घंटा लगता था, लेकिन अब करीब 45 मिनट लगते हैं. वहीं नोएडा से एम्स जाने तक पहले 43 मिनट लगते थे, अब करीब एक घंटा 30 मिनट लगते हैं. ट्रैफिक की इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि शाहीनबाग ने प्रदर्शनकारियों ने जिस सड़क को ब्लॉक किया है उसे जल्द से जल्द खोला जाए.