मुंबई. यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर (Rana Kapoor) को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आरोप है कि कपूर ने लोन के बदले कंपनियों से 600 करोड़ की रिश्वत ली. रविवार को मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 3 दिनों के लिए ED की हिरासत में भेज दिया गया. मनी लॉन्ड्रिंग केस को लेकर राणा कपूर से करीब 30 घंटे तक पूछताछ की गई. समाचार एजेंसी आईएनएस के मुताबिक बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ और उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए 20 से ज्यादा फर्जी कंपनियां बनाई थीं.
फर्जी कंपनियां बनाई
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से आईएएनएस ने बताया, ‘कपूर और उनकी पत्नी बिंदु और तीन बेटियों समेत उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए 20 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई थीं’. उन्होंने बताया कि रिश्वत में लिए गए पैसे का इस्तेमाल प्रॉपर्टी में निवेश करने में किया गया. कहा जा रहा है कि फर्जी कंपनियों के जरिए उन कॉरपोरेट कंपनियों से रिश्वत लिए गए जिनको बैंक से कर्ज दिया गया था.
लोन के बदले रिश्वत
ईडी ने शनिवार को कपूर की तीन बेटियों के मुंबई और दिल्ली स्थित आवासों की तलाशी ली थी. ईडी को शक है कि कपूर और डूइट अर्बन वेंचर्स की निदेशक उनकी दो बेटियों ने कथिततौर पर डीएचएफएल से रिश्वत ली थी. कहा जा रहा है कि 4,450 करोड़ रुपये डीएचएलएल द्वारा 80 फर्जी कंपनियों के जरिए की गई. इन फर्जी कंपनियों में डूइट अर्बन वेंचर्स भी शामिल हैं.
बेटी को एयरपोर्ट पर रोका गया
सीबीआई ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर, दीवान हाउसिंग (DHFL) और डीओआईटी अर्बन वेंचर्स कंपनी के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के पूरे परिवार के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था. जिसके बाद राणा कपूर की बेटी रोशनी कपूर को लंदन जाने से रोका गया