दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी ड्रामा चल रहा है. कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Govt) संकट से घिरी हुई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) गुट के 20 कांग्रेस विधायकों ने विधायकी के साथ-साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. सिंधिया ने भी कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक, शाम तक सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सिंधिया के इस्तीफे पर लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.
सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश
खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठे लिखकर सिंधिया समर्थक 5 मंत्रियों को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश की है. CM ने जल्द आदेश जारी करने की अपील की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुछ मंत्रियों और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ बैठक हुई. इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया को बर्खास्त करने की सिफारिश की है.
बेंगलुरू में ठहरे 19 विधायकों ने दिए इस्तीफे
बेंगलुरू में सिंधिया गुट के 19 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इन विधायकों में प्रदुम्न सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव (भांडेर), जजपाल सिंह जज्जी (अशोक नगर), इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़ (शिवपुरी), महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओपी एस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद राजपूत, हरदीप डंग, मुन्ना लाल गोयल, ब्रिजेन्द यादव शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस के 7 और विधायक भी बीजेपी के संपर्क में हैं. आज देर रात तक ये 7 विधायक भी अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप सकते हैं.