मंहगाई भत्ता काटने पर भड़कीं प्रियंका गांधी, बोलीं- अपने खर्चे कम करे बीजेपी सरकार

लखनऊ. कोरोना वायरस (COVID-19) के संकट को देखते हुए केंद्र सरकार के बाद योगी सरकार (Yogi Government) ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में होने वाली छमाही बढ़ोत्तरी पर रोक लगा दी है. केंद्र और यूपी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने दोनों सरकारों से सवाल पूछा है और कहा है कि सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता किस तर्क से काटा जा रहा है. सरकार अपने अनाप-शनाप खर्चे बंद क्यों नहीं करती है.

प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता किस तर्क से काटा जा रहा है? जबकि इस दौर में उनपर काम का दबाव कई गुना हो गया है. दिन रात सेवा कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों का भी DA कटने का क्या औचित्य है? तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इससे बहुत कष्ट है. पेन्शन पर निर्भर लोगों को यह चोट क्यों मारी जा रही है?”

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकारें अपने खर्चे कम क्यों नहीं करती हैं? प्रियंका ने कहा कि बुलेट ट्रेन और नई संसद भवन के निर्माण पर होने वाले गैर जरूरी खर्चों को क्यों नहीं रोका जाता है. प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘सरकारें अपने अनाप-शनाप खर्चे क्यों नहीं बंद करतीं? सरकारी व्यय में 30% कटौती क्यों नहीं घोषित की जाती? सवा लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना, 20,000 करोड़ की नई संसद भवन परियोजना जैसे गैरजरूरी खर्चों पर रोक क्यों नहीं लगती?”

कितना होगा एक कर्मचारी को नुकसान
राज्य सरकार के इस फैसले से सभी कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. महंगाई भत्ता किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 17 फ़ीसदी होता है. इसमें साल में दो बार राज्य सरकार बढ़ोतरी करती बार राज्य सरकार बढ़ोतरी करती है. बढ़ोतरी का दर 3 से 5 फ़ीसदी तक रहता है. ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी कर्मचारी को कितना नुकसान होगा.

कोरोना संक्रमण के कारण लिया गया फैसला
राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को न बढ़ाने के पीछे कोरोना वायरस के मौजूदा संकट का हवाला दिया गया है. इस संकट से निपटने के लिए की जाने वाली तैयारी के लिए बड़े पैमाने पर धनराशि की सरकारों को जरूरत है

Related posts

Leave a Comment