दिल्ली: कोरोना के चलते जहां देशभर की करीब 80 फीसदी आबादी अपने घर बैठी हुई है। लॉकडाउन की तमाम सख्ती के बीच कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। इस संकट से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकार से किसी भी कर्मचारी की सैलरी नहीं काटने को कहा था। लॉकडाउन में किसी को खाने-पीने की कमी ना आये इसके लिए सभी सरकार अपने अपने स्तर पर जरुरी कदम उठा रही है। वही दिल्ली सरकार गरीब मज़दूरों को उनके घर तक राशन पहुँचा रही है। लेकिन दिल्ली में शिक्षा से लेकर गरीबो को राशन बांटने में लगे करीब 20000 अतिथि शिक्षकों के घर का राशन और मुँह का निवाला सरकार को रास नहीं आया है। दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक 8 मई से दिल्ली में कार्यरत हज़ारो अतिथि शिक्षकों को सैलरी नहीं दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के कई स्कूल में राशन बांटने के दौरान शिक्षको को लोगों के गुस्से का सामना तक करना पड़ा है। मार-पिटाई तक की नौमत आ गयी जिसके बाद शिक्षकों को अपनी जान बचाने के लिए स्कूल के कमरों में छुपना पड़ा. दिल्ली सरकार का यह कदम बेहद शर्मनाक है जिन शिक्षकों को बच्चो के भविष्य को सुधारने की जिम्मेदारी दी गयी आज उन्हें राशन बांटने पर लगा दिया गया है। ज्ञात हो कि कोरोना के कारण एक अतिथि शिक्षक की मौत हो गयी थी जिसकी ड्यूटी राशन बांटने में लगी हुई थी.
आपको बता दे कि लॉकडाउन के दौरान ही दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि लॉकडाउन में किसी भी गेस्ट टीचर, कर्मचारी की नौकरी या सैलरी नहीं काटी जाएगी। लेकिन लगता है सरकार की कथनी और करनी में फर्क है।
दिल्ली में अतिथि शिक्षकों की हक़ की लड़ाई लड़ रही ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन (AIGTA) ने दिल्ली सरकार से लॉकडाउन में अतिथि शिक्षकों की सैलरी नहीं रोकने की अपील की है। साथ ही एसोसिएशन ने दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी से मिलकर अतिथि शिक्षकों को सैलरी दिलाने की मांग की। इस मौके पर मनोज तिवारी ने LG अनिल बैजल को पत्र लिखकर सभी अतिथि शिक्षकों को उनकी सैलरी दिलाने को कहा है। मनोज तिवारी ने कहा है कि केंद्र सरकार और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की थी इस महामारी में किसी को भी नौकरी से ना निकाला जाए, सभी को onDuty मानते हुए उन्हें वेतन दिया जाये। अतः सभी दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अतिथि अध्यापको को स्कूल खुलने तक वेतन दिया जाए ताकि सभी का परिवार चल सके।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन (AIGTA) के महासचिव शोएब राणा ने कहा है कि लॉकडाउन में सरकार द्वारा सैलरी रोकने पर करीब 20000 अतिथि शिक्षक रोड पर आ जायेंगे। जब दिल्ली के सभी कर्मचारियों को सैलरी मिल रही है तो फिर हमारी सैलरी क्यों रोकी जा रही है। दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद कहा था कि लॉकडाउन में किसी भी शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी, ना ही किसी की सैलरी काटी जाएगी लेकिन अब क्यों अतिथि शिक्षक की सैलरी रोकी जा रही है।
वही एसोसिएशन की तरफ से इमरान चौधरी ने कहा है कि दिल्ली सरकार केवल खोखले वादे कर रही है। टीवी और मीडिया की सामने कुछ और कहती है लेकिन सच्चाई कोसो दूर है। दिल्ली के ही शिक्षामंत्री ने एक टीवी चैनल पर सैलरी नहीं रोकने की बात कही थी लेकिन अब शिक्षामंत्री अपने ही वादों से मुकर रहे है।