देश में मई के शुरुआत से पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और फिर स्पेशल यात्री ट्रेनों का सफर शुरू हो गया है। 1 जून से 200 और पैसेंजर ट्रेनें शुरू होने वाली हैं। इतनी बड़ी मात्रा में यात्रियों की मौजूदगी के बावजूद हो सकता है कि यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर खाने पीने या फिर अन्य सामान न मिलें। रेलवे फूड वेंडर्स एसोसिएशन ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को बताया है कि फिलहाल प्लेटफॉर्म पर फूड स्टॉल शुरू करने के लिए हम तैयार नहीं हैं। इसके पीछे मुख्य समस्या प्रवासी मजदूर ही हैं। ज्यादातर वैंडर्स अपने गांव की ओर चले गए हैं। जिसके कारण फूड स्टॉल फिलहाल नहीं खोले जा सकते हैं।
रेलवे फूड वेंडर्स एसोसिएशन ने रेलवे से कहा है कि ट्रेन के यात्री सामाजिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं और प्लेटफॉर्म स्टाल पर भीड़ लगा लेते हैं। जिसके चलते दुकानों में लूट की संभावना भी काफी अधिक होती है। विक्रेताओं की सुरक्षा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किए जबकि श्रमिक ट्रेनों के यात्री सामान लूट रहे थे, प्लेटफॉर्म पर खुली हुईं स्टाल को तोड़ रहे थे। ऐसोसिएशन ने कहा कि समस्या यह भी है कि रेल सेवाएं पूरी तरह सामान्य नहीं हुई हैं, प्लेटफार्म से शायद कुछ ही यात्री खाना लें।
बता दें कि 20 मई को रेलवे बोर्ड ने स्टेशन पर सभी रेस्टोरेंट, दवा की दुकानें, बुक स्टॉल और फूड स्टॉल खोलने की इजाजत दे दी थी। रेलवे बोर्ड द्वारा स्टेशनों पर जितने भी कैटरिंग यूनिट, बहुउद्देशीय स्टॉल आदि हैं, इन सभी को तत्काल प्रभाव से खोले जाने का निर्णय लिया गया है। आदेश के अनुसार सभी कैटरिंग एवं वेंडिंग यूनिट तत्काल प्रभाव से खोलनी थीं। इसके साथ ही स्टेशनों पर मौजूद कैटरिंग यूनिट, वेंडिंग स्टॉल, बुकस्टॉल, बहुउद्देशीय स्टॉल, दवा की दुकानें आदि भी तत्काल प्रभाव से खोले जाने थे।
रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर फिलिप वर्गीस ने सभी रेल जोन के लिए आदेश जारी करते हुए रेलवे स्टेशनों पर खाने पीने की सभी स्टॉल दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए। इसके अनुसार रेलवे स्टेशनों पर सभी कैटरिंग और वेंडिंग यूनिट तत्काल प्रभाव से खुलेंगे। साथ ही स्टेशनों पर पहले की तरह दुकानें, बुक स्टॉल और केमिस्ट शॉप खुलेंगी। रेस्टोरेंट, फूड प्लाज़ा में बैठकर खाने की सुविधा नहीं होगी, टेक-अवे की सुविधा रहेगी।