जिसे निहत्थे गार्ड ने पकड़ा, उसे STF नहीं संभाल पाई? विकास दुबे के एनकाउंटर पर क्यों उठ रहे सवाल? जानिए

लखनऊ: कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आज एनकाउंटर में मारा गया है. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई पर अब कई सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष के अलावा सोशल मीडिया पर भी तमाम आम लोग पुलिस और सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. सवाल उठना इसलिए भी लाजमी है क्योंकि विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद से ही उसे एनकाउंटर में मार दिए जाने की आशंका जताई जा रही थी. इस आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल एक याचिका भी दायर की गई थी.

एनकाउंटर पर क्या सवाल उठ रहे

  • सबसे पहला सवाल ये उठ रहा है कि उज्जैन में निहत्थे गार्ड ने विकास दुबे को पकड़ लिया, लेकिन STF के जवान उसे नहीं संभाल पाए?
  • विकास दुबे के पैर में रॉड लगी थी, वह ज्यादा तेज भाग नहीं सकता था. उसे ये बात पता थी, फिर भी वह भागने की कोशिश कैसे कर सकता है?
  • उसे पता था अगर भागा तो मार दिया जाएगा, फिर भी भागने की कोशिश क्यों की?
  • अगर उसे भागना ही होता, तो उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर क्यों करता?
  • वह चलती गाड़ी में पुलिस जवानों के बीच में बैठा था, फिर उनके चंगुल से कैसे भाग निकला?
  • क्या इतने कुख्यात अपराधी के हाथ खुले थे? क्या पुलिस ने उसे हथकड़ी नहीं पहनाई थी, जो उसने पिस्तौल छीन ली?
  • इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोग ये भी कह रहे हैं कि अपराधी विकास दुबे का अंत हो गया, अब उसके साथ अपराध में शामिल और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों की जानकारी कैसे मिलेगी?
Vikas Dubay

समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीटर पर लिखा, “विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों, पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पदार्फाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया.” इसके पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गाड़ी पलटने पर ट्वीट करके लिखा था, “दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.”

पुलिस ने क्या बताया
कानपुर पुलिस पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया, “विकास दुबे जो कि 5 लाख रुपए का वांछित अभियुक्त है. उसे उज्जैन से कानपुर गिरफ्तार कर लाया जा रहा था. तभी कानपुर के भौंती के पास पुलिस का वाहन दुर्घटना होकर पलट गया. जिसमें उसमें बैठे अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसी दौरान विकास दुबे पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा. पुलिस टीम ने उसका पीछा करके आत्मसमर्पण के लिए कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा. पुलिस ने भी आत्मरक्षा के लिए जवाबी फायरिंग की जिसमें वह घायल हो गया. इजाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गयी.”

कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्टवांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था. सात दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई

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