फरीदाबाद: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी खींचतान के बीच सरकार पर सत्ता का संकट गहराया हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच की आपसी दरार बढ़ती चली जा रही है. हरियाणा में भी राजस्थान की सियासत का असर अब दिखने लगा है. प्रदेश के कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दोनों के बीच आपसी सुलह करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है. फरीदाबाद में बड़खल विधानसभा का चुनाव लड़ चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजयप्रताप ने भी राहुल गाँधी समेत कांग्रेस के आलाकमान से अपील की है. विजयप्रताप ने कहा है कि “मेरा आदरणीय राहुल गाँधी जी से आग्रह है कि जब भी परिवार में अलगाव और बिखराव होता है, तब परिवार के बड़े लोग ही मामले में हस्तक्षेप करते है, क्योकि राहुल जी हमारे नेता है और हमारे परिवार के मुखिया है, मैं उनसे गुजारिश करता हूँ कि वह स्वयं सचिन पायलट जी को अपने पास बुलाकर उनके और अशोक गहलोत के बीच में जो दूरियां बढ़ी है, जो भी मनमुटाव हुए है उसे राहुल जी आप दूर करें, ताकि हमारी पार्टी मजबूत रहे .”
साथ ही विजयप्रताप ने कहा है कि भाजपा को यह मौका न मिले जैसा बीजेपी ने कर्नाटक और मध्यप्रदेश में किया , हमारी पार्टी के बिखराव का फायदा बीजेपी ने हमेशा उठाया है तो हमें उनको यह मौका नहीं देना है, साथ ही मेरा सचिन पायलट और उनके साथियो से आग्रह है कि परामर्श के बाद जो भी राहुल गाँधी पार्टी हित में निर्देश या आदेश दें, हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम उसकी पालना करे। लोकतंत्र और कांग्रेस पार्टी की विचारधार को मज़बूत करें”
कौन है सचिन पायलट
बता दें कि सचिन पायलट ने 10 फरवरी 2002 को अपने पिता राजेश पायलट के 57वें जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस पार्टी का ‘पंजा’ थामा था। अब इस पंजे और सचिन पायलट की पकड़ 18 साल बाद ढीली नजर आ रही है। राजनीति में सचिन पायलट की एंट्री के वक्त किसान सभा का आयोजन किया गया था। वहीं से पायलट लोगों के साथ जुड़ते चले गए।
उन्होंने अपना जनाधार तैयार किया, 2 साल पर परिणाम मिला, जनता ने दौसा सीट से पायलट को अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए लोकसभा का पथप्रदान कर दिया था। 26 साल की उम्र में सांसद बनकर पायलट ने भारत के सबसे युवा सांसद होने का तमगा भी हालिस कर लिया था।
2004 से 2008 तक पायलत शांति से सियासत को देखते और समझते रहे। इस दौरान वो पार्टी में अपना कद इतना ऊंचा कर चुके थे कि जब काग्रेस ने 2008 में लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाई तो उन्हें साल 2009 में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी के साथ प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
खबरों के मुताबिक सचिन पायलट के साथ 18 विधायक हैं। इनमें रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, दीपेंद्र सिंह, भंवरलाल शर्मा, राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्रराज गुर्जर और गजेंद्र सिंह शक्तावत शामिल हैं। इसके अलावा हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, वेदप्रकाश सोलंकी, अमर सिंह जाटव और रामनिवास गवड़िया भी शामिल हैं।