चेकिंग में SSP ने मांगी ID तो बिजली कर्मचारी ने बत्ती गुल कराकर दिया परिचय

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में पुलिस चेकिंग (Police Checking) के दौरान ऐसा वाकया हुआ, जिसे देखकर न केवल वाराणसी के एसएसपी हैरान हो गए जबकि वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मी भी दंग रह गए. अब ये किस्सा हर शहरी की जुबां पर है. दरअसल मामला वाराणसी के लंका थाना इलाके का है. यहां वाराणसी के एसएसपी अमित पाठक (SSP Amit Pathak) फोर्स के साथ चेकिंग कर रहे थे. रात में करीब 2 बज रहे थे. तभी वहां से बिजली विभाग के कर्मचारी संजय सिंह बाइक से निकला. फोर्स ने रोककर पूछताछ की तो संजय सिंह ने बताया कि वो बिजली विभाग में कार्यरत हैं. फोर्स ने पहचान पत्र मांगा तो संजय सिंह नहीं दे सके.

बिजली कर्मी बोला- मैं अपनी पहचान अभी साबित कर देता हूं

इसी बीच पुलिसकर्मी और संजय सिंह में बहस होने लगी. मामला वहां खड़े एसएसपी के पास पहुंचा तो एसएसपी ने भी आईडी कार्ड दिखाने की बात कही. इस बात से संजय सिंह इतना तैश खा गए कि उसने कहा कि मैं अपनी पहचान अभी साबित कर देता हूं. उसके बाद जो हुआ तो सभी हैरान रह गए.

संजय सिंह ने करौंदी उपकेंद्र पर फोन किया और रात दो बजकर 13 मिनट पर बिजली कटवा दी. पूरा इलाका अंधेरे में और एसएसपी समेत पूरा फोर्स स्तब्ध. 4 मिनट तक पूरा इलाका अंधेरे में रहा. इसके बाद फोन करके 2:17 पर सप्लाई चालू करा दी.
एसएसपी ने की एमडी से शिकायत, हो गई कार्रवाई

एसएसपी अमित पाठक ने इसकी शिकायत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी से की. एमडी ने अधीनस्थ अधिकारियों से जांच का आदेश दिया. जांच में आरोपी सही पाए गए. पता चला कि संजय सिंह के कहने पर करौंदी उपकेंद्र पर तैनात रामलखन से बिजली कटवा दी, जबकि लॉगबुक पर न तो बिजली काटने और जोड़ने का समय दर्ज है बल्कि कारण भी लिखा नहीं मिला. यही नहीं, बिना ब्रेकडाउन लिए बिजली सप्लाई काटी और चालू की गई. जांच के बाद दोनों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया.

लंका थाने में दोनों बिजलीकर्मियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज

यही नहीं दोनों के खिलाफ लंका थाने में एफआईआर दर्ज की गई. अब बिजली विभाग के एमडी ने सख्त आदेश दिया है कि बगैर लॉगबुक में दर्ज किए कोई भी कर्मचारी अगर बिजली सप्लाई बाधित करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी नौकरी सेवा समाप्त कर दी जाएगी.

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