दिल्ली: देश में एक ओर कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सभी की नज़रे कोरोना वैक्सीन पर टिकी हुई है. भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन की खरीद को लेकर विचार कर रही है. शुरुआत में सरकार कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों, सेना के जवानों और कुछ विशिष्ट श्रेणी के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की करीब 50 लाख डोज खरीदने का मन बना रही है. सरकार का फोकस सप्लाई चेन और डिस्ट्रीब्यूशऩ पर है.
सरकार बड़े स्तर पर वैक्सीन का वितरण करना चाहती है ताकि जल्द से जल्द इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके. माना जा रहा है कि एक वैक्सीन इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में तैयार हो सकती है.
जानें इन तीन वैक्सीन्स की कबतक आने की संभावना है….
देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को कोरोनावायरस की वैक्सीन के बारे में बताया था. पीएम मोदी ने कहा था कि वर्तमान में भारत में कोराना की एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन वैक्सीन्स टेस्टिंग के चरण में हैं.
भारत में अभी तीन कंपनियां कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर काम कर रही हैं. यह कंपनियां मानव ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण पर काम कर रही हैं. हालांकि तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने में कुछ वक्त जरूर है, लेकिन जैसे ही तीसरा ट्रायल पूरा होगा, वैक्सीन लोगों को उपलब्ध हो जाएंगी.
- भारत बायोटेक और आईसीएमआर कोवैक्सिन (Covaxin) के नाम से वैक्सीन बना रही है.
- जायडस कैडिला जायकोव-डी (ZyCoV-D) के नाम से वैक्सीन बना रही है.
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका मिलकर कोविशील्ड (AZD 1222) वैक्सीन पर काम कर रहे हैं.