अभी कोविड से दिल्ली वालों की जंग खत्म भी नहीं हुई है और नया खतरा सामने है. सर्दी के मौसम हर साल दिल्ली के आसमान को जकड़ लेने वाला जानलेवा स्मॉग फिर से राजधानी को अपनी गिरफ्त में लेने लगा है. इस तरह दिल्ली दोहरे खतरे से घिर गई है. दिल्ली के आसमान में छाए जहरीले धुएं ने दिल्ली को गैस चैंबर में तब्दील कर दिया है. खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में विजिबिलिटी घट कर 500 मीटर रह गई है. गुरुवार को राजधानी में अलग-अलग जगहों पर AQI लेवल 400-700 रिकॉर्ड किया गया है.
डॉक्टरों की टीम ये रिसर्च कर रही है कि कहीं दिल्ली में आए तीसरे कोरोना वेव का पॉल्यूशन से तो कोई सीधा कनेक्शन तो नहीं है. क्योंकि पॉल्यूशन भी फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. स्मॉग की वजह से हाई राइज बिल्डिंग से 400 मीटर आगे कुछ नहीं दिख रहा.
इंडिया गेट का लुटियन्स इलाका हो या फिर सराय काले खां और सिग्नेचर ब्रिज, राहत कहीं भी नहीं है. दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील नजर आ रही है. लोग भी शिकायत कर रहे हैं कि आंखों में जलन हो रही है और सांस लेना मुश्किल हो गया है. दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों का तो और भी बुरा हाल है.
दिल्ली में सुबह से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर है. ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 500 के पार चला गया है. ज्यादातर इलाके कत्थई रंग में रंगे हुए हैं. ये हवा में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दिखा रहा है.
आरके पुरम इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 451 दर्ज हुआ जिसे बेहद खतरनाक माना जाता है. लोधी रोड में एक्यूआई 394 था, ये भी खतरनाक श्रेणी में आता है इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर 440 और द्वरका में एक्यूआई 456 दर्ज हुआ
अभी जब दिल्ली में प्रदूषण का ये हाल है तो दिवाली के बाद क्या होगा. हालांकि, खतरे को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों से दिवाली पर आतिशबाजी ना करने की अपील की है.
एक तरफ प्रदूषण की मार है तो दूसरी तरफ कोरोना का कहर है. राजधानी दिल्ली को इन दो मुसीबतों ने मुश्किल में डाल रखा है. पिछले 24 घंटों में दिल्ली में करीब 7 हजार नए केस सामने आए. ये हाल के दिनों में एक दिन में सबसे ज्यादा मामला है. दिल्ली सरकार इसे कोरोना की तीसरी लहर बता रही है.
दिल्ली में दम तोड़ते कोविड ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है. कल दिल्ली में 6842 केस सामने आए जबकि 51 लोगों की मौत भी हुई. दिल्ली में कोरोना के कुल केस की संख्या अब चार लाख पार पहुंच चुकी है. हालांकि दिल्ली सरकार जनता को ये भी आश्वस्त कर रही है कि घबराने की बात नहीं है क्योंकि मृत्यु दर के काबू कर लिया गया है.