दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने द्वारका में सीजीएचएस सोसाइटी में फ्लैट देने का झांसा देकर 29 करोड़ की ठगी के मामले में महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी एयरोसिटी द्वारका मल्टी स्टेट सीजीएचएस लिमिटेड कंपनी का पदाधिकारी है। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने सोसाइटी में फ्लैट देने के नाम पर आरोपियों ने करीब 250 लोगों से ठगी की है। निवेशकों को झांसा देने के लिए आरोपियों ने योजना को डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत स्वीकृत बताया था लेकिन जांच में पता चला कि डीडीए ने इस संबंध में कोई लाइसेंस जारी नहीं किया था।
शाखा के संयुक्त डॉक्टर ओ पी मिश्रा ने बताया कि निवेशकों की ओर सीजीएचएस सोसाइटी के तहत ठगी किए जाने की शिकायत मिली थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी ने फ्लैट देने के झूठा आश्वासन दिया और 250 निवेशकों से करोड़ों की ठगी की है। कंपनी ने करोड़ों की जमीन खरीदी और दावा किया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण(डीडीए) ने नियोजित विकास के तहत लैंड पूलिंग योजना की घोषणा की है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि डीडीए ने लैंड पूलिंग के संबंध में कोई लाइसेंस जारी नहीं किया है। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि आरोपियों ने निवेशकों से सोसाइटी के नाम पर 29 करोड़ रुपये एकत्र किये। इसमें 6.75 करोड़ की जमीन खरीदी गयी। जबकि बाकी 22.25 करोड़ रुपये को गलत तरीकों से अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिये। पुलिस टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू की।
बुधवार को कंपनी के फरार महिला पदाधिकारी और रतन सिंह नेगी के दिल्ली में आने की सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। रतन सिंह नेगी फरीदाबाद का रहने वाला है। जांच में पता चला कि दोनों पदाधिकारी कंपनी के बैंक खातों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता भी हैं। आरोपियों से पूछताछ कर धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।