दिल्ली. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) धीरे-धीरे बेहद खराब होती जा रही है. इससे लोगों का स्वच्छ हवा में सांस लेना दूभर हो गया है. प्रदूषण का आलम यह है कि कई स्थानों पर विजिबिलिटी काफी कम हो गई है. रविवार सुबह दिल्ली (Delhi) के कई इलाकों में धुंध छाई हुई थी. इससे किसी भी चीज को देख पाना मुश्किल हो गया. प्रदूषण (Pollution) की वजह से लोगों की आंखों में जलन हो रही है. वहीं, प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आनंद विहार में 481, IGI हवाई अड्डे के क्षेत्र में 444 में, ITO में 457, और लोधी रोड क्षेत्र में 414 दर्ज किया गया जो कि गंभीर श्रेणी में हैं.
बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच बेहद गंभीर माना जाता है.
वहीं, शनिवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा सदर बाज़ार क्षेत्र में वायु प्रदूषण के खिलाफ उपाय के रूप में पानी का छिड़काव किया गया. मेयर जय प्रकाश (Mayor Jai Prakash) का कहना है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, लेकिन वह सो रही है. वहीं, हम दूसरी ओर काम कर रहे हैं.
दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) का स्तर शनिवार की सुबह बेहद खराब श्रेणी में रहा. सरकारी एजेंसियों और मौसम विज्ञान विशेषज्ञों के मुताबिक, पटाखे (Firecrackers) जलने और हवा की गति मंद होने से यह वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में भी जा सकती है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली ‘सफर’ की ओर से कहा गया कि यदि दिवाली (Diwali) पर पटाखे नहीं जलाए जाएंगे तो दिल्ली की हवा में ‘पीएम 2.5’ कणों की मात्रा पिछले चार साल के मुकाबले सबसे कम रहने की संभावना है.