ग्वालियर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां घटिया प्लाज्मा चढ़ाने से मरीज की मौत हो गई. मामला सामने आते ही क्राइम ब्रांच, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ब्लड बैंकों पर कार्रवाई करने में जुट गई. इस मामले को लेकर घटिया प्लाज्मा चढ़ाने वाले हॉस्पिटल रोड स्थित राधास्वामी ब्लड बैंक की जांच पड़ताल की जा रही है. जांच में कई दस्तावेजों में कमी पाई गई.
ज्मा कांड का मुख्य आरोपी जयारोग्य अस्पताल(जेएएच) के लैब अटेंडर मनीष त्यागी का भाई अजय त्यागी पाया गया है. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पड़ाव थाना पुलिस ने पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद अजय त्यागी सहित तीन लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. वहीं, दो अन्य आरोपी पहले से ही पुलिस की हिरासत में हैं. उनके नाम जगदीश व महेंद्र बताए गए हैं.
अब क्राइम ब्रांच की टीम अजय त्यागी से प्लाज्मा कांड के संबंध में पूछताछ कर रही है. इस रैकेट में रेडक्रास से जुड़े कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं. पुलिस ने संदेह के आधार पर रेडक्रास से जुड़े लगभग 8 से 10 लोगों से पूछताछ के लिए उनके घरों पर दबिश भी दी है. उल्लेखनीय है कि अपोलो अस्पताल में प्लाज्मा चढ़ाने के दौरान दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता की तबीयत बिगड़ने के बाद 10 दिसंबर को मौत हो गई थी. इसके बाद मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि प्लाज्मा उन्होंने 18 हजार में जेएएच से खरीदा था. उनके हंगामे के बाद प्लाज्मा की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी.
ज्मा की जांच और मृतक का शॉर्ट पोस्टमॉर्टम किया गया. खुलासा हुआ कि जान गंवाने वाले कोरोना संक्रमित व्यापारी मनोज गुप्ता को घटिया प्लाज्मा चढ़ाया गया था. उनकी मौत के 3 दिन बाद शनिवार को पड़ाव थाने की पुलिस ने प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अजय शंकर त्यागी समेत 3 लोगों पर गैर इरादतन हत्या और धोखाधड़ी का केस दर्ज कर तीनों को पकड़ लिया.
गिरोह में 5 लोगों के नाम सामने आये हैं, लेकिन शेष के खिलाफ सबूत जुटाये जा रहे हैं. शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत व्यापारी के खून में संक्रमण मिला है. यह संक्रमण प्लाज्मा चढ़ाने के बाद फैला था. इसकी पड़ताल के लिए बिसरा की जांच कराई जा रही है. इसी गैंग ने कोरोना संक्रमित व्यापारी के परिजनों को जेएएच की फर्जी रसीद थमाकर 18 हजार रूपये में प्लाज्मा बेचा था. इसे चढ़ाने के 2 दिन बाद मरीज की मौत हो गई थी.
कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजनों से गिरोह यह कहकर पैसा वसूलता था कि प्लाज्मा जेएएच से दिलवा रहे हैं. वह जेएएच की फर्जी रसीद भी देते थे ताकि मरीज के परिजनों को विश्वास हो जाये. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि यह लोग प्लाज्मा कहां से लाते थे.