”पुलिसकर्मियों को फंसाने के लिए हाथ-पैर में खुद कील ठोंक कर एसएसपी दफ्तर पहुंचा शख्स”

बरेली: बरेली में बुधवार को रंजीत नाम के एक शख्स ने आरोप लगाया था कि मास्क ना पहनने पर हुए विवाद में पुलिस ने उसके हाथ-पैर में कीलें ठोक दीं. गुरुवार को पुलिस ने दावा किया कि उस शख्स ने पुलिस को परेशान करने के लिए अपने हाथ-पैर में खुद कीलें ठोंकी थीं. पुलिस ने अपना दावा साबित करने के लिए गवाह भी पेश किया. गवाह के तौर पर जरदोजी के एक कारखाने के मालिक को मीडिया के सामने पेश किया गया. जिन्होंने कहा कि रंजीत ने उनके कारखाने में ही अपने हाथ पैर में कीलें ठोंकी थीं.
पुलिस कस्टडी में रंजीत मीडिया के सामने अपने हाथ-पैर में कील ठोंकने का नाट्य रूपांतरण कर रहा है. पुलिस का कहना है कि रंजीत पहले एक जरी कारखाने में काम करता था. 24 तारीख को मास्क को लेकर पुलिस से झगड़ा होने के बाद उसने कारखाने में पनाह ली. वहीं कीलें ठोंकी.
जरी कारखाने के मालिक चांद ने कहा, ”नमाज पढ़ कर जब लौटा तो रंजीत के हाथ-पैर में कीलें ठुकी थीं. तुरंत उसके घर पर सूचना दी कि आ जाओ. इसके घर वाले नहीं आना चाहते थे. तब रंजीत ने बोला कि फोटो खींच के दे दो कीलों की, कह दो बहुत हालत खराब है. मैंने फोटो खींच कर इसके घर पर भेजी. मैंने कहा कि देखो इसकी हालत खराब है. मेरे घर पर मेरे बीवी बच्चे सब डर रहे हैं. कीलें इसने ऐसे ठोंकी हैं, मेरे सब बच्चे डर रहे हैं. अभी ले जाओ इसको.”
रंजीत कल अपने हाथ पैर में ठुकी हुई कीलों के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचा था और उसने आरोप लगाया था कि मास्क ना पहनने पर पुलिस ने उसे डंडे मारे. जब उसने विरोध किया तो पुलिस ने उसे जोगी नवाता पुलिस चौकी ले जाकर कीलें ठोंक दीं.
आरोपी रंजीत ने कहा था, ‘चार पांच डंडे मारे मुझको. मैंने कहा कि सर क्यों मार रहे हैं. तो उन लोगों ने गाली देते हुए कहा- तेरे पास मास्क नहीं है. जब उससे पूछा गया कि कीलें किसने ठोंकीं, तो उसने कहा, ‘सर उन्होंने आंखों पर पट्टी बांध दी थी, फिर उसके बाद कीलें ठोंकीं. जब पूछा गया कि कीलें कहां ठोंकी तो उसने कहा चौकी के अंदर.
इस मामले में बरेली के एसएसपी का कहना है कि जांच में पुलिस के ऊपर लगाए गए आरोप गलत साबित हुए हैं. रंजीत के खुद कील ठोंकने की बात साबित हो गई है. बरेली के एसएसपी रोहित सिंह संजवाड़ ने कहा, ’25 तारीख की रात को ये एक कारखाने में सोया और वहां पर इसने नशे की हालत में खुद को पुलिस की गिरफ्तारी से बचाने के लिए अपने बाएं हाथ और पैर में कील ठोंक दी.’

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