नई दिल्ली: कोरोना वायरस के फैलाव को लेकर भारत में लगातार केंद्रीय लैब रिसर्च कर रही है और उसमें कई हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। ऐसा ही एक खुलासा तीन केंद्रीय लैबों की जॉइंट प्रैक्टिकल रिसर्च में सामने आया है। चंडीगढ़ की इंस्टिट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी (IMTECH) सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन साइंटिफिक ऑर्गेनाइजेशन (CSIO) और हैदराबाद की CCMB और CSIR की जॉइंट प्रेक्टिकल रिसर्च के आधार पर काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च CSIR ने देश भर के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इन गाइडलाइंस के अनुसार नेशनल बिल्डिंग कोड NBC 2016 में बदलाव की सिफारिश की गई है और इन सिफारिशों में वायरस को फैलने से रोकने के उपाय बताए गए हैं।
दरअसल इस प्रैक्टिकल रिसर्च में पाया गया है कि करोना वायरस संक्रमित जिस भी जगह पर थोड़ी देर रुकेगा और ऐसे में अगर वहां पर छीकेंगा, खांसेगा या बातचीत करते हुए वक्त बताएगा तो उसके वहां से जाने के बाद 2 से 3 घंटे तक हवा में करोना वायरस का असर बना रह सकता है।
इसी वजह से बिल्डिंग के निर्माण कार्य में बदलाव की सिफारिश की गई है। इन तीन बड़ी केंद्रीय लैबों के इस प्रैक्टिकल रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब ये सवाल कहीं ना कहीं सही साबित हो रहा है कि हवा के माध्यम से भी करोना संक्रमण फैल सकता है।
इस पूरे मामले पर मेडिकल एक्सपर्ट्स में भी चिंता जताई है। वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर और चंडीगढ़ के नामी डॉक्टर आर एस बेदी ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर आई थी उसमें ड्रॉपलेट्स के माध्यम से वायरस का संक्रमण फैल रहा था जबकि अब दूसरी लहर में केंद्रीय लैबों की ये रिपोर्ट सामने आने के बाद ये साफ हो गया है कि हवा के माध्यम से भी करोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है।
डॉक्टर आर एस बेदी ने कहा कि इसी वजह से वो लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वो दोहरा मास्क लगाकर फील्ड में निकले और सेंट्रल एयर कंडीशन्ड जगहों पर वेंटिलेशन का ध्यान रखें और घर के भी खिड़की दरवाजे खुले रखें नहीं तो हवा के माध्यम से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के हवा के माध्यम से फैलने की केंद्रीय लैबों की रिपोर्ट सामने आने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ के एनवायरमेंट साइंस विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर रविंद्र खैवाल ने कहा कि पहले ये बात सामने आई थी कि ड्रॉपलेट्स के माध्यम से कोरोना वायरस फैल रहा है लेकिन उसके बाद ये पता लगा कि फाइन पार्टिकल के माध्यम से भी ये वायरस हवा में मौजूद रहता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में वेंटीलेशन बहुत जरूरी है क्योंकि अगर हमारे घर के खिड़कियां और दरवाजे प्रॉपर वेंटिलेशन में नहीं होंगे और एसी में भी वेंटस के माध्यम से वेंटिलेशन नहीं होगा तो ऐसे में करोना के फाइन पार्टिकल के माध्यम से ये वायरस हवा में कुछ घंटे तक बना रह सकता है इसीलिए घर में भी लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है और डबल मास्क भी हवा में फैलने वाले इस संक्रमण से बचा सकता है।