नई दिल्ली: ट्विटर ने शुक्रवार को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को अपना अकाउंट ऑपरेट करने से रोक दिया। कॉपीराइट ऐक्ट का बहाना बनाकर ट्विटर ने आज सुबह रविशंकर प्रसाद को अपने अकाउंट में लॉगइन करने से रोक दिया। प्रसाद अपने एक इंटरव्यू का हिस्सा शेयर करना चाह रहे थे, लेकिन नहीं कर सके। हालांकि, बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया। इसकी जानकारी उन्होंने ‘कू’ पर दी है।
आईटी मंत्री ने सोशल मीडिया वेबसाइट कू (Koo) पर लिखा कि उनका अकाउंट करीब एक घंटे तक ब्लॉक रहा। प्रसाद ने Koo पर कहा कि ट्विटर के इस कदम से यह पता चलता है कि वे फ्री स्पीच के संदेशवाहक नहीं हैं, जैसा कि वे दावा करते हैं, बल्कि उसकी सारी रूचि अपना अजेंडा चलाने में है। उन्होंने कू पर कहा कि ट्विटर की मंशा सही नहीं है और अब ये समझ आ गया कि ट्विटर IT Rules को क्यों मानना नहीं चाहता है। माना जा रहा है कि ट्विटर के इस कदम के बाद सरकार और सोशल मीडिया वेबसाइट में टकराव और बढ़ सकता है।
Twitter का कहना था कि केंद्रीय IT मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट का उल्लंघन किया, जिसकी वजह से उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया। हालांकि बाद में ट्विटर ने प्रसाद के अकाउंट को अनब्लॉक कर दिया। अपना अकाउंट ब्लॉक किए जाने पर प्रसाद ने ट्विटर पर लिखा, ‘मित्रों! आज कुछ बहुत ही अनोखी बात हुई। ट्विटर ने कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के चलते लगभग एक घंटे तक मुझे अकाउंट को ऐक्सेस नहीं दिया और बाद में इसे ऐक्सेस करने की इजाजत दे दी।’
प्रसाद ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि मेरे बयानों ने ट्विटर की मनमानी और मनमानी कार्रवाइयों पर हमला किया। खासतौर से टीवी चैनलों पर मेरे इंटरव्यू की क्लिप्स और उसके शक्तिशाली प्रभाव ने इसके पंख कुतरे हैं। यही नहीं, पिछले कई वर्षों में किसी भी टेलीविजन चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए मेरे इंटरव्यूज के इन समाचार क्लिप के संबंध में कॉपीराइट उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।’
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रसाद ने कहा कि ट्विटर की कार्रवाई आईटी नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कंपनी मेरे अपने खाते पर पहुंच से मना करने से पहले नोटिस देने में विफल रही। प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनी ने आईटी रूल्स के नियम 4 (8) का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी प्लेटफॉर्म हो, उन्हें नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और इसे लेकर कोई समझौता नहीं होगा।