बीती रात दो बजे लखनऊ के गोमती नगर एक्सटेंशन इलाके में दो पुलिसवालों ने एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. खबर के मुताबिक पुलिस ने विवेक तिवारी को गोली इसलिए मारी क्योंकि पुलिस चेकिंग के दौरान उसने अपनी SUV कार रोकने से इनकार कर दिया था. पुलिस की गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वारदात को गम्भीरता से लेते हुए आज कहा “लखनऊ में कोई एनकाउंटर नहीं हुआ है. पूरे मामले के संबंध में डीजीपी को निर्देश दिया गया है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, मृतक के परिजनों ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. वही इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा है की अगर जरूरत पड़ी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी.
वारदात के दौरान विवेक के साथ मौजूद साथी मित्र सना खान ने सुबह मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ कार से घर जा रही थीं. रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी. पुलिस को आता देख दोनों वहाँ से चलने लगे. सामने से दो पुलिसकर्मी आए और उन्हें रोका और जब वह नहीं रूके तो उन्होंने गोली चला दी. इस कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकराई.
उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि यह मामला हत्या का है. दोनों पुलिसकर्मी को बर्खास्तकर दिया गया है. इस तरह के मामलों को सहन नहीं किया जाएगा. दोनों पुलिसवाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
वही इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर लताड़ा है.