दिल्ली के छावला इलाके में साढे 5 साल के विदित नाम के बच्चे की मौत के मामले में कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब मिलना बाकी है. शायद यही वजह भी है कि पीड़ित परिवार विदित की मौत को दुर्घटना न मानते हुए हत्या की बात कर रहा है. वहीं, पुलिस इस मामले को रोड एक्सीडेंट बता रही है और ये दावा कर रही है कि इस मामले में 15 साल की एक नाबालिग को पकड़ लिया गया है. हालांकि, पुलिस थाने में जब ऑफ कैमरा पुलिस अधिकारियों से बात हुई, तो उनका कहना था कि फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है. रिपोर्ट में मौत की वजह जो भी बताई जाएगी उसी के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच, जो आरोपी पक्ष है, उसके एक परिचित भी छावला थाने के बाहर मिले. जिनका कहना है, “पूरा मामला रोड एक्सीडेंट का ही है, लेकिन पुलिस के डर से जो नाबालिग बच्चा है वह भाग गया था. विदित की मौत का दुख सभी को है, लेकिन हम यही कह सकते हैं कि यह हत्या नहीं है बल्कि दुर्घटना है और इसकी सच्चाई भी सबके सामने आ ही जाएगी.”
क्या है आरोप?
विदित के दादा प्रेम प्रकाश डीटीसी में कार्यरत हैं. वे बताते हैं, “यह घटना शाम लगभग 6- 6:15 की है और तारीख भी 6 अप्रैल ही है. प्रेम प्रकाश अपने दोनों पोतों को स्कूटी पर लेकर पार्क में खिलाने के लिए ले गए थे. यह पार्क पपरावट गांव में है. जब प्रेम प्रकाश स्कूटी पर दोनों बच्चों को वापस लेकर आ रहे थे, तो दो बाइकों पर चार लड़के मौजूद थे, जो बाइक लहरा कर चला रहे थे, गलत तरीके से चला रहे थे और इसी दौरान बाइक पर सवार एक लड़के ने उनका कॉलर पकड़ लिया.”
प्रेम प्रकाश का कहना है, ” उनकी स्कूटी की स्पीड महज 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रही होगी. जब उन्होंने उनसे कारण पूछा तभी पीछे से किसी ने उनके सिर पर वार किया और फिर वह नीचे गिर गए. विदित पिछली सीट पर बैठा हुआ था, वो भी नीचे गिरा. प्रेम प्रकाश का आरोप है कि विदित के सिर पर भी किसी चीज से वार किया गया था. इतना ही नहीं विदित जब नीचे गिरा, तो वह बाइक के पहिए के नीचे आ गया था और इन लड़कों ने जानबूझकर उसको बाइक के पहियों तले बुरी तरह से रौंद डाला, जिसकी वजह से उसकी पसली तक टूट गई. इतना सब होने के बाद भी पुलिस इसे दुर्घटना कह रही है. पुलिस ने अभी तक मेरे बयान भी नहीं लिखे हैं.”
स्कूटी पर नहीं है कोई खरोच
विदित के पिता मोहित का कहना है कि इस पूरे मामले में कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब पुलिस नहीं दे पा रही है. अगर ये दुर्घटना है और पुलिस यह कहती है कि बाइक ने स्कूटी को टक्कर मारी है, तो स्कूटी पर एक भी खरोच के निशान क्यों नहीं है? अगर पीछे से टक्कर मारी है, तो लाइट आदि सही सलामत क्यों है? अगर इतना भीषण एक्सीडेंट होता तो कहीं न कहीं स्कूटी पर भी उस चीज के निशान आते, लेकिन ऐसा नहीं है. इतना ही नहीं मेरा दूसरा बेटा जो 3 साल का है, वह भी स्कूटी पर आगे खड़ा हुआ था. उसे भी कोई चोट नहीं आई है, लेकिन पुलिस इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. मोहित का कहना है कि पिता के सिर पर जो चोट है, उससे भी साफ है कि सिर पर वार किया गया है.
बच्चे को अस्पताल ले जाने वाले ने बताया विदित की हालत के बारे में
6 अप्रैल को जिस समय विदित सड़क पर लहूलुहान अवस्था में पड़ा हुआ था, तो उसकी मदद के लिए व्यक्ति ने पहल की थी. उसी व्यक्ति ने एबीपी न्यूज़ को यह जानकारी दी कि विदित के सिर और पसलियों में काफी गंभीर चोटें थी. जब विदित को उस व्यक्ति ने गोद में उठाया तो उनका हाथ उसके सिर के पिछले हिस्से पर था और उनकी उंगलियां सिर के अंदर भी घुस जा रही थी. इतना ही नहीं दूसरा हाथ जो कमर पर था, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि विदित की पसलियां पूरी तरह से टूट चुकी है.
व्यक्ति ने बताया कि मामले की जानकारी पुलिस को दी गई, लेकिन इतना समय नहीं था कि बच्चे को मौके पर रखा जाता. वह तुरंत ही किसी प्राइवेट गाड़ी की मदद से बच्चे को नजदीक के अस्पताल ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. विदित की मदद करने वाले व्यक्ति का कहना है कि उन्होंने यह तो नहीं देखा कि यह रोड एक्सीडेंट था या फिर मार पिटाई का मामला, लेकिन बच्चे के सिर में जिस तरह से चोट थी, उससे ऐसा लग रहा था जैसे किसी चीज से उसके सिर पर वार किया हो. उस व्यक्ति का यह भी कहना है कि एक बाइक झाड़ियों में भी गिरी हुई थी और स्कूटी सड़क पर पड़ी थी. एक और बच्चा वहां खड़ा हुआ था, जिसको चोट नहीं लगी थी.
सामने आया प्रत्यक्षदर्शी, कहा मारपीट हुई थी
एबीपी न्यूज़ की टीम जब इस मामले की जानकारी जुटाने के लिए मौका-ए-वारदात पर पहुंची, तो अनिल नाम का एक व्यक्ति कैमरे के सामने आया और उसने यह दावा किया कि 6 अप्रैल की शाम लगभग 6 से 6:30 के बीच यह घटना हुई थी. वह घटनास्थल के नजदीक ही इवनिंग वॉक कर रहा था. वह थोड़ा दूरी पर था. उसने शोर सुना था और दूर से देखा था कि कुछ लोग एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे थे. अनिल का कहना है कि वह यह तो नहीं देख पाया कि मारपीट किसी रोड या हथियार से की जा रही थी या फिर लात-घूंसों से, लेकिन उसने शोर शराबा सुना था और कुछ लड़कों को मारपीट करते हुए देखा था. अनिल ने ये भी कहा है कि अगर पुलिस उनसे मदद मांगेगी तो वह मदद के लिए भी तैयार है.
क्या है पुलिस का पक्ष?
पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में यह मामला सड़क दुर्घटना का ही प्रतीत होता है. जिस बाइक पर आरोपी सवार थे उस बाइक का अगला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ है. इस मामले में सड़क दुर्घटना के चलते मौत का मामला दर्ज किया गया है और 15 साल के नाबालिक को पकड़ा गया है, जो कक्षा 10 का छात्र है. वह भी घायल हुआ था और बाइक को मौके से ले गया था. पुलिस ने इस मामले को रोडरेज का मामला होने से इनकार किया है. पुलिस ने ऑन कैमरा इस मामले पर कोई बात नहीं की है. सिर्फ एक लिखित स्पष्टीकरण भेजकर इस मामले की जानकारी दी गई है.