फरीदाबाद : यमुना नदी के बाद दिल्ली से लेकर फरीदाबाद में आगरा व गुरुग्राम नहर के पानी को जहरीला किया जा रहा है। दिल्ली के 62 नालों और यहां नगर निगम सहित अन्य उद्योगों का केमिकलयुक्त पानी दोनों नहरों में डाला जा रहा है। इसी जहरीले पानी से हजारों एकड़ जमीन की सिचाई हो रही है। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने पिछले दिनों इस मामले को लेकर चिता जाहिर की और बैठक कर अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा था। उम्मीद है कि यहां सोए हुए अधिकारियों में हलचल होगी और दोनों नहरों के पानी को दूषित करने वालों पर कार्रवाई होगी।
नगर निगम के एसटीपी खराब
नगर निगम के तीन बड़े एसटीपी हैं। मिर्जापुर का एसटीपी काम नहीं कर रहा है। इसलिए यहां आने वाला 30 एमएलडी सीवर का पानी आगरा नहर व गुरुग्राम नहर में डाला जा रहा है। बादशाहपुर में भी एसटीपी का निर्माण चल रहा है। प्रतापगढ़ का भी एसटीपी काम नहीं कर रहा है। इसलिए रोज 200 एमएलडी से अधिक सीवर का पानी सीधे नहरों में डाला रहा है।
टैंकर चालक नहीं आ रहे बाज
आगरा व गुरुग्राम नहर में रोजाना काफी टैंकर सीवर का पानी बगैर शोधित किया हुआ डाल रहे हैं। अक्सर नहरपार की सोसायटी से सीवर का पानी आगरा नहर में डालते हुए टैंकर देखे गए हैं। बल्लभगढ़-तिगांव मुख्य मार्ग, आगरा नहर पर बने पुराने पुल से टैंकर सीवर का पानी फेंकते हैं। कुछ फैक्ट्रियों से भी केमिकलयुक्त पानी नहर में डाला जाता है। यही कारण है कि आगरा नहर का पानी काला रहता है।
आगरा व राजस्थान तक जाती है नहरें
आगरा व गुरुग्राम नहर दिल्ली कालिदीकुंज के पास से यमुना नदी से निकलती हैं। इसके बाद पूरे फरीदाबाद का गंदा पानी इनमें मिलता रहता है। आगरा नहर तो आगरा तक जाते हुए रास्ते में हजारों एकड़ फसल की सिंचाई करती है जबकि गुरुग्राम नहर अलवर, राजस्थान तक जाती है। ऐसे पानी से फसलों को नुकसान होता है। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यमुना नदी सहित नहरों में बगैर शोधित किया हुआ सीवर का पानी डालने को लेकर एनजीटी भी सख्त है। यह मामला गंभीर है। आगरा व गुरुग्राम नहर में प्रदूषित पानी डालने की वजह से फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और मेवात के लोग परेशान हैं। कैंसर रोगी बढ़ रहे हैं। इसलिए सिचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मिलकर कार्रवाई करनी होगी। जो भी नहरों को प्रदूषित करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
-मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री। सिचाई विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयुक्त रूप से निरीक्षण करेंगे। जहां-जहां से दोनों नहरों में दूषित पानी डाला जा रहा है, वे स्थान चिन्हित किए जाएंगे। इसके बाद नोटिस भेजेंगे। पहले भी नोटिस भेजे जाते रहे हैं। नगर निगम के एसटीपी काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए वे सीवर का पानी नहरों में डाल रहे हैं।