किसान आंदोलन: केंद्र सरकार ने मानी किसानो की कुछ मांगे..

अपनी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति यात्रा दिल्ली बॉर्डर गाजीपुर में रोक दिया गया. किसानों ने 23 सितंबर को हरिद्वार से दिल्ली के लिए कूच किया था. दिल्ली में घुसने पर किसानों और पुलिस के बीच भारी संघर्ष देखने को मिला. किसान और जवान आमने सामने एक दूसरे के विरोध में खड़े नज़र आ रहे थे. किसान अपनी मांगे को लेकर राजघाट तक जाना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें रोक दिया. इस दौरान पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े. किसान और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के बाद किसानों के प्रतिनिधियों ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. बैठक के बाद किसान नेताओं और उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि कई  मांगों पर सहमति बनी है. किसानों को इस बात की जानकारी दी जा रही है.

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार ने हमारी 4-5 मांगों को मान लिया है. इनमें मुख्य रूप से चार बातों पर सहमती बनी है . जिसमे कृषि उपकरणों को GST के 5 फीसदी दायरे में रखा जाएगा. फसल का बीमा होगा, साथ ही एमएसपी मामले पर ये सहमति बनी है कि किसानों के उत्पाद को कम कीमत या गलत तरीके से बेचने पर रोक के लिए सरकार कानून लाएगी और डीजल से चलने वाले पुराने ट्रैक्टरों पर से NGT का बैन हटा दिया जाएगा.

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