देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर जारी है. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal), झारखंड (Jharkhand), जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) में बारिश आफत बनते दिखी है. कहीं बादल फटने की घटना सामने आयी तो कहीं छात्रों की जान पर बन आयी. हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए सभी छात्रों को समय रहते बचा लिया गया. आइये देखते हैं कहां कैसे हालात हैं…
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दार्जिलिंग में 11 छात्र पिकनिक मनाने के लिए नदी पार गए थे लेकिन भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई और ये सभी फंस गए. जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल के लोग घटना वाली जगह पहुंचे और नदी के पार फंसे छात्रों को निकालने की कवायद शुरू हुई. रेस्क्यू ऑपरेशन इतना आसान नहीं था क्योंकि नदी के पानी का बहाव बहुत तेज था. जिस कारण रेस्क्यू टीम ने सावधानी बरतते हुए रस्सी की मदद ली और छात्रों तक पहुंचे. इसके बाद रस्सी की मदद से छात्रों को बारी बारी से सुरक्षित निकाला गया. इस दौरान नदी में प्रशासन की टीम के लोग कतार में खड़े हो गए और एक दूसरे का हाथ पकड़ कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. प्रशासन की टीम को इन 11 छात्रों को बचाने में करीब 8 घंटे का समय लगा. इसके बाद सभी छात्रों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया.
जम्मू कश्मीर के पूंछ में फ्लैश फ्लड
वहीं, जम्मू कश्मीर के पूंछ में अचानक आई फ्लैश फ्लड ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया. हालात से निपटने के लिए सेना के जवानों की मदद ली गई. जम्मू कश्मीर इन दिनों कुदरत की मार के आगे बेबस हो गया है. आसमानी आफत की ताजा तस्वीर पुंछ से देखने को मिली जहां फ्लैश फ्लड ने लोगों को दहशत से भर दिया. अचानक से आए तेज पानी के बहाव ने देखते ही देखते पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया. पानी के बहाव की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
देखते ही देखते ही घरों से लेकर दुकानों तक पानी का कब्जा हो गया. गाड़ियां भी जलमग्न हो गई. अचानक आई ये बाढ़ इतनी भयावह थी कि मौके पर लोगों के रेस्क्यू के लिए सेना को मोर्चा संभालना पड़ा. सेना के जवानों ने रस्सी की मदद से एक एक कर मुसीबत में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया. ताकि किसी भी अनहोनी को होने से रोका जा सके.
उत्तराखंड में लैंडस्लाइड
उत्तराखंड में भी भारी बारिश की वजह से लोग परेशान है. लैंडस्लाइड ही नहीं बल्कि बादल फटने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है जिससे कई इलाकों में लोग डरे हुए हैं. रुद्रप्रयाग से लेकर टिहरी बारिश के बाद जब पहाड़ कमजोर हुए तो पत्थरों का सैलाब सड़कों पर गिरते दिखा. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई है. इसका सबसे नुकसान वहां के किसनों को हो रहा है.
वहीं बागेश्वर में सरयू और गोमती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे इलाके के लोगों में डर पैदा हो गया है. यही नहीं, भारी बारिश के बाद वहां की कई सड़कें टूट चुकी हैं और लोगों का आना जाना सब बंद हो गया. हांलाकि प्रशासन की टीम इन रास्तों को खोलने के लिए कोशिशे तेज कर दी है. खुदाई करने वाली मशीन से कुछ जगहों की सड़कों से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. बताया गया कि बागेश्वर में घरों को भी भारी नुकसान हुआ है. जबकि इलाके की 19 सड़कों पर यातायात ठप है.
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से तबाही
हिमाचल में मानसून की बरसात आफत बनकर बरस रही है. कहीं भूस्खलन ने तबाही मचा रखी है तो कहीं जलभराव से लोग परेशान हैं. मंडी से आई ताजा तस्वीरें इस बात की गवाह हैं. यहां ब्यास नदी का जल स्तार अचानक से बढ़ने की वजह से 24 लोग फंस गए. जिन्हे स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीम की मदद से बाहर निकाला गया. वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश की वजह से लैंड स्लाइड की घटनाएं भी सामने आ रही हैं. स्वारघाट के पास लैंडस्लाइड होने की वजह से चंडीगढ़-मनाली मार्ग बंद हो गया. जिसे जेसीबी की मदद से पहाड़ के बड़े टुकड़ों को हटाकर खोलने की कोशिश की जा रही है.
हिमाचल में भारी बारिश और भू स्खलन की वजह से 100 से ज्यादा सड़के बंद हो गई हैं. वहीं हिमाचल में इस आसमानी आफत से अबतक कुल 134 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 233 से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में इसकी वजह से चोटिल हुए हैं. वहीं, अब तक बाढ़ के कारण हिमाचल को 452 करोड़ का नुकसान हो चुका है. 73 कच्चे-पक्के मकान भी ध्वस्त हो गए हैं. अब देखना होगा कि हिमाचल में मानसून का ये जल तांडव कब थमेगा.