महाराष्ट्र सरकार ने वंदे मातरम को सभी सरकारी अधिकारियों के लैंडलाइन और मोबाइल फोन पर ‘हेलो’ के बजाय एक प्रारंभिक क्रिया के रूप में उपयोग करने के लिए जीआर (सरकार आदेश) जारी किया. इससे पहले अगस्त के महीने में महाराष्ट्र (Maharashtra) के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सरकारी कर्मचारियों को फोन कॉल पर हेलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ (Vande Mataram) बोलने का आदेश दिया था.
इस आदेश के कुछ दिन बाद ही महाराष्ट्र के वन विभाग ने अपने कर्मियों से सरकारी कामकाज से संबंधित फोन आने पर वंदे मातरम बोलकर जवाब देने की का आदेश दिया था. वन विभाग ने जीआर जारी कर कहा था कि, ‘वन विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मियों से सरकारी कामकाज से जुड़े आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के फोन अटेंड करते समय हेलो के बजाय वंदे मातरम बोलने का आग्रह किया गया है.’ वहीं अब राज्य सरकार ने सभी सरकारी अधिकारियों के लिए हेलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ बोलने को लेकर जीआर जारी किया है.
संस्कृति मंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर किया था एलान
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने स्वतंत्रता दिवस से पहले कहा था कि, “हम आजादी के 76वें साल में प्रवेश कर रहे हैं. हम अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता का) मना रहे हैं इसलिए, मैं चाहता हूं कि अधिकारी नमस्ते के बजाय फोन पर ‘वंदे मातरम’ कहें.” उन्होंने कहा था कि इस पर औपचारिक सरकारी आदेश को जल्द जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि, “मैं चाहता हूं कि राज्य के सभी सरकारी अधिकारी अगले साल 26 जनवरी तक फोन पर वंदे मातरम कहें.”
फैसले का हुआ था विरोध
संस्कृति मंत्री के इस आदेश के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति भी जताई थी. मुंबई की रजा एकेडमी की ओर से इस फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा गया था कि हम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं इसलिए वंदे मातरम (Vande Mataram) की जगह कोई और विकल्प दिया जाए.