दिल्ली सरकार सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करनेवालों के खिलाफ नकेल कसने की तैयारी में है. इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) की खाली पड़ी जमीन और भवन संपत्तियों का ऑडिट करवाने का आदेश देते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट तलब की है.
अतिक्रमण और अवैध कब्जा एक गंभीर मामला
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लोगों से मिल रही शिकायतों के बाद अतिक्रमण और अवैध कब्जे के मामलों का संज्ञान में लेते हुए ऑडिट करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, ‘’सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और अवैध कब्जा एक गंभीर मामला है और इन्हें हटाना सरकार की प्राथमिकता है”. साथ ही DUSIB को निर्देश दिया गया है कि वह सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे और एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करें.
क्या होगा ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम में
ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत DUSIB खाली भूमि और भवन संपत्ति की मौजूदा स्थिति का जियो कोआर्डिनेट, फोटो, अवैध कब्जे, प्रभारी अधिकारी की डिटेल के साथ हर संपत्ति का पूरा डिटेल दर्ज करेगी. इससे सरकारी जमीन पर अतिक्रमण गतिविधियों को ट्रैक करने और रोकने में सरकार को मदद मिलेगी. यह व्यवस्था सरकारी भूमि पर होने वाली सभी गतिविधियों पर नज़र रखने और किसी भी अतिक्रमण के मामले में तुरंत कार्रवाई करने में मदद करेगी.
जनता को बेहतर सर्विस देने का है लक्ष्य
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, DUSIB का मुख्य उद्देश्य है दिल्ली में स्लम और जेजे कॉलोनियों में रह रहे लोगों को सरकार की ओर से बेहतर सर्विस देना और उनकी लाइफ-स्टाइल के क्वालिटी में सुधार लाना है.
DUSIB है क्या
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) दिल्ली सरकार के कंट्रोल में कार्य करता है और मुख्य रूप से DUSIB एक्ट, 2010 के दायरे में काम कर रहा है. यह एक्ट DUSIB को कुछ क्षेत्रों को स्लम व जेजे क्लस्टर के रूप में नोटिफाई करने का अधिकार देता है, जहां DUSIB स्लम इलाकों में रह रहे लोगों को बेहतर व बुनियादी नागरिक सुविधाएं देने का काम करती है. इसके अलावा, DUSIB को नागरिक सुविधाओं के नियम और उनके फिर से सेट करने का काम करती है