कांग्रेस पार्टी को पूरे 22 साल बाद अपना गैर गांधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है. इसके लिए सोमवार को होने वाली वोटिंग की तैयारी पूरी कर ली गई है. देशभर में 40 केंद्रों पर 68 बूथ बनाए गए हैं. यहां सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे. प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9,000 से ज्यादा प्रतिनिधि गुप्त मतदान के जरिये पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर चुनावी मैदान में हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे. उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे जो यात्रा में शामिल हैं. गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खरगे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. हालांकि थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं.
चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव
वहीं दूसरी ओर चुनाव से एक दिन पहले वोटिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है. मतदान करते समय अब प्रतिनिध को 1 की जगह A टिक करना होगा. सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव चुनाव से एक दिन पहले रविवार को किया गया. दरअसल शशि थरूर की टीम ने उम्मीदवार के नाम के आगे 1 लिखने के विषय को उठाते हुए कहा था कि इससे भ्रम पैदा हो सकता है जिसके बाद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने इसे बदला और मतदाताओं को पसंदीदा प्रत्याशी के नाम के आगे टिक का निशान लगाने को कहा गया.
अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया है. खरगे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गए हैं, तो वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही. थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात पर जोर रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खरगे परंपरावादी उम्मीदवार हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खरगे के साथ नजर आ रहे हैं.
खरगे ने भी अपने अभियान में अपने अनुभव शेयर किये हैं जो पिछले कुछ दशकों में संगठन का काम करते हुए उनके सामने आये. दोनों ही नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि गांधी परिवार के सदस्यों का पार्टी में विशेष स्थान है. खरगे ने कहा कि वह उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेंगे, वहीं थरूर ने कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी बनाकर काम नहीं कर सकता क्योंकि पार्टी के खून में उनका डीएनए है. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछली बार चुनाव 2000 में हुआ था जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था.