सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सेना से कहा कि वह अपना घर दुरुस्त करे. कोर्ट ने कहा कि उसे लगता है कि सेना उन महिला अधिकारियों के लिए निष्पक्ष नहीं रही है, जिन्होंने 2020 में कोर्ट के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिए जाने के बाद प्रमोशन में देरी का आरोप लगाया. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच 34 महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया है कि सेना में लड़ाकू और कमांडिंग भूमिकाएं निभाने के वास्ते प्रमोशन के लिए जूनियर पुरुष अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है.
बेंच ने कहा, हमें लगता है कि आप (सेना) इन महिला अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं रहे हैं. हम मंगलवार को एक स्पष्ट आदेश पारित करने जा रहे हैं … बेहतर होगा कि आप अपने घर को दुरुस्त करें और हमें बताएं कि आप उनके लिए क्या कर रहे हैं. बेंच ने कहा, सबसे पहले, उन पुरुष अधिकारियों के परिणामों की घोषणा न करें जिन पर अक्टूबर में (प्रमोशन के लिए) विचार किया गया था, जब तक कि आप उनके (महिलाओं के) परिणामों की घोषणा नहीं करते.
बेंच ने केंद्र और सशस्त्र बलों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन और वरिष्ठ वकील आर बालासुब्रमण्यन से पूछा कि उन्होंने अक्टूबर में प्रमोशन के लिए इन महिला अधिकारियों पर विचार क्यों नहीं किया. बेंच ने आदेश पारित करने के लिए याचिका को मंगलवार के लिए लिस्ट किया है. जब केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि वे महिला अधिकारियों के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो चीफ जस्टिस ने कहा, हमारा मतलब जैन (एएसजी) और कर्नल बाला (वरिष्ठ वकील) से है. मैं आपके संगठन के बारे में निश्चित नहीं हूं.
एएसजी ने कहा कि सैन्य प्रतिष्ठान भी महिला अधिकारियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है. विधि अधिकारी ने बताया कि सेना ने महिला सैन्य अधिकारियों की प्रमोशन के लिए 150 सीट मंजूर की हैं. महिला अधिकारियों की ओर से वरिष्ठ वकील वी मोहना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के फैसले के बाद से 1,200 कनिष्ठ पुरुष अधिकारियों को प्रमोट किया गया है.
उन्होंने बेंच को बताया, पिछली सुनवाई के बाद भी, नौ पुरुष अधिकारियों को उच्च रैंक पर रखा गया था. वरिष्ठ महिला अधिकारियों को प्रमोट करने से पहले कोई प्रमोशन नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, मुझे पता है कि नेक इरादे वाले वकील इस मामले में पेश हो रहे हैं और मैं वकीलों के खिलाफ नहीं हूं और मैं ये शिकायतें प्रशासन के खिलाफ कर रही हूं.