केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि 246 महिला सैन्य अधिकारियों की पदोन्नति पर विचार करने के लिए नौ जनवरी से एक विशेष चयन बोर्ड की बैठक होगी. केंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बालासुब्रमण्यम ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ को सूचित किया कि विशेष चयन बोर्ड-तीन इन अधिकारियों की पदोन्नति के मुद्दे पर विचार करेगा.
पीठ ने कहा, हम मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि विशेष चयन बोर्ड का काम 23 जनवरी तक खत्म हो जाएगा. हम इस पर 24 जनवरी के बाद गौर करेंगे.पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 30 जनवरी तय की. शीर्ष अदालत ने कहा कि विशेष चयन बोर्ड के परिणाम निर्धारित करने से पहले प्रतिवादी एक अद्यतन रिपोर्ट दाखिल करेंगे.
याचिका में कही गई यह बात
शीर्ष अदालत 34 महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंनेआरोप लगाया है कि सेना में लड़ाकू और कमांडिंग भूमिकाएं निभाने को लेकर पदोन्नति के लिए उनकी जगह कनिष्ठ पुरुष अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा रहा है.
नौ से 23 जनवरी तक होगा एसएसबी का आयोजन
नौ दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सेना से कहा था कि वह जरूरी सुधार लागू करे. साथ ही अदालत ने कहा कि उसे लगता है कि सेना उन महिला अधिकारियों के लिए निष्पक्ष नहीं रही है, जिन्होंने 2020 में शीर्ष अदालत के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिए जाने के बाद पदोन्नति में कथित देरी का आरोप लगाया है.
महिला अधिकारियों की पदोन्नति के लिए 150 सीट मंजूर
पीठ ने केंद्र और सशस्त्र बलों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और बालासुब्रमण्यम से पूछा था कि उन्होंने अक्टूबर में पदोन्नति के लिए इन महिला अधिकारियों के नामों पर विचार क्यों नहीं किया. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया था कि सेना ने महिला अधिकारियों की पदोन्नति के लिए 150 सीट मंजूर की हैं.
1,200 कनिष्ठ पुरुष अधिकारियों को पदोन्नत किया गया
महिला अधिकारियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वी मोहना ने कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद से 1,200 कनिष्ठ पुरुष अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है. इससे पूर्व, शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा था कि भेदभाव का आरोप लगाने वाली 34 महिला अधिकारियों के संबंध में वह क्या कदम उठाना चाहता है.
34 महिला सैन्य अधिकारियों ने दायर की याचिका
जिन 34 महिला सैन्य अधिकारियों ने याचिका दायर की है, उनमें कर्नल प्रियंवदा ए मर्डीकर और कर्नल आशा काले शामिल हैं, दोनों को स्थायी कमीशन दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि दो महीने पहले एक विशेष चयन बोर्ड द्वारा उनके साथ भेदभाव किया गया था, जिसने पदोन्नति के लिए उनसे बहुत कनिष्ठ पुरुष अधिकारियों के नामों पर विचार किया.