बिहार पुलिस के DGP बनने के बाद आरएस भट्टी ने अपने पुलिसकर्मियों को अपराधियों को दौड़ाने का टास्क दिया था. तब DGP राजविंदर सिंह भट्टी ने थानेदार और एसपी को क्राइम कंट्रोल का फॉर्मुला बताते हुए कहा था-. क्राइम होने से पहले ही एक्टिव रहो. क्रिमिनल को दौड़ाओगे तो क्राइम कम होगा. वो बैठे रहेंगे तो दिमाग में खुराफात चलता रहेगा. अगर आप अपराधियों को नहीं दौड़ाएंगे तो वो आपको दौड़ाएंगे. DGP आरएस भट्टी की बातों को शायद उनकी पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया लेकिन अपराधियों को यह बात ज्यादा जच गई. बिहार की राजधानी पटना में एक वांरटी के परिजनों ने दरोगा को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. दारोगा यहां से किसी तरह से अपनी जान बचाकर भागे.
दरअसल पटना में बिहार पुलिस का एक दारोगा दीघा थाना इलाके के जहाज घाट गली में एक वारंटी का पता सत्यापण करने गए थे. इसके बाद मामले में फरार चल रहे आरोपी के परिजनों दारोगा की पिटाई कर दी. आरोपी का नाम उपेंद्र राय है. रामजीचक निवासी लल्लू राय के बेटे उपेंद्र राय के विरुद्ध काफी पुरानी मामले में वारंट निकला था. इसके बाद दीघा थाने में तैनात दारोगा राघवेंद्र नारायण सिंह वांरटी के पता का सत्यापन करने सिंह जहाज घाट गली पहुंचे.
मोबाइल और चश्मा तोड़ा
यहां उन्होंने मोहल्ले के एक व्यक्ति से आरोपी के घर की जानकारी ली इसके बाद वह. आरोपी के घर पहुंच गए आरोपी के बारे में पूछा कि वह कहां हैं. दारोगा का यह सवाल सुनते ही वहां मौजूद 7-8 लोग एक साथ दरोगा पर टूट पड़े और लात – घूसों से उनकी जमकर पिटाई कर दी. इस दौरान लोगों ने दारोगा का मोबाइल और चश्मा तोड़ दिया साथ ही उनकी मोटरसाइकिल भी छीनने की कोशिश की.
किसी तरह जान बचाकर भागे दारोगा
इसके बाद दारोगा वहां से किसी तरह जान बचाकर भागे और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. फिर मामले की जानकारी दीघा थाना अध्यक्ष को दी जिसके बाद वहां पुलिस पहुंची और आरोपी के पिता को हिरासत में ले लिया. पीड़ित दरोगा ने बताया कि, मारपीट करने वाली भीड़ का नेतृत्व विनोद पाल का बेटा बिट्टू कर रहा था वह कई मामलों में पहले भी जेल जा चुका है.