नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार के कई शहरों और अन्य स्थानों पर छापेमारी की. बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की तीन बेटियों और आरजेडी नेताओं के यहां छापेमारी हुई. जमीन के बदले नौकरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई की. यह पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. ईडी अधिकारियों ने लालू प्रसाद की बेटी रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव के यहां छापेमारी की. इस दौरान ईडी ने पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई में पूर्व आरजेडी विधायक अबू दोजाना, अमित कत्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन से जुड़े परिसर के यहां छानबीन की.
इस दौरान ईडी ने 53 लाख रुपये नकद, 1900 अमेरिकी डॉलर, 1.5 किलोग्राम सोने की ज्वैलरी को जब्त किया है. सूत्रों ने यह भी बताया कि साउथ दिल्ली के एक घर में तलाशी ली गई. जहां लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौजूद थे. यह घर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में है.
लाभार्थी कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का पंजीकृत पता है, जो इस मामले में शामिल है. ईडी के अनुसार इसे लालू प्रसाद यादव का परिवार आवासीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को हुई छापेमारी केंद्रीय सुरक्षा बलों के सुरक्षा घेरे में करीब दो दर्जन स्थानों की तलाशी ली गई. अधिकारियों ने ब्रह्म सिटी प्राइवेट लिमिटेड, एलीट लैंडबेस प्राइवेट लिमिटेड, व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड और मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों के परिसर की भी तलाशी ली.
UPA-1 सरकार का है यह घोटाला
बता दें कि यह घोटाला उस वक्त का है, जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. उनपर आरोप है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में समूह डी में विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था. इसके बदले में उन्होंने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को स्थानांतरित की थी.
इस घोटाले में राबड़ी देवी भी हैं शामिल
अधिकारियों ने कहा कि रागिनी यादव और चंदा यादव एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड में पूर्व निदेशक थी, जिसे कथित तौर पर एक अभ्यर्थी से भूखंड मिला था. आरोप है कि लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके परिवार ने अवैध रूप से अधिग्रहीत ऐसे चार भूखंडों को मेरिडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी को 7.5 लाख रुपये की कीमत पर बेच दिया. जबकि भूखंडों का बाजार रुपये साढ़े तीन करोड़ रुपये था. इस कंपनी की मिल्कियत और नियंत्रण कथित रूप से दोजाना के पास था.
आरजेडी नेता मनोज झा ने केंद्र पर साधा निशाना
वहीं, ईडी की इस कार्रवाई पर आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा, “विपक्षी नेताओं के खिलाफ छापेमारी में केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी किसी और की पटकथा का अनुसरण कर रही हैं.” साथ ही यह भी आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ छापे बिहार में पिछले साल अगस्त में सरकार बदलने की प्रतिक्रिया है.